शनिवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को लोन मोरोटोरियम की जानकारी देते हुए लोन लेने वाले लोगों को बड़ी राहत दी है। यदि आपने कोरोना काल में लोन मोरेटोरियम की सुविधा का लाभ लिया है तो आपके लिए एक राहत भरी खबर है। अब लोन मोरेटोरियम पर लगने वाले चार्ज पर बैंक वसूली नहीं कर सकेंगे। दरअसल, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि (सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्दोग) एमएसएमई, एजुकेशन, होम, कंज्यूमर, ऑटो लोन पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज को माफ कर दिया जाएगा।
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट को लोन मोरोटोरियम की जानकारी देते हुए लोन लेने वाले लोगों को बड़ी राहत दी है। यदि आपने कोरोना काल में लोन मोरेटोरियम की सुविधा का लाभ लिया है तो आपके लिए एक राहत भरी खबर है। अब लोन मोरेटोरियम पर लगने वाले चार्ज पर बैंक वसूली नहीं कर सकेंगे। दरअसल केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि (सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्दोग) एमएसएमई, एजुकेशन, होम, कंज्यूमर, ऑटो लोन पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज को माफ कर दिया जाएगा। इसके अलावा बैंकों द्वारा क्रेडिट कार्ड बकाया पर भी चक्रवृद्धि ब्याज की वसूली नहीं की जा सकेगी। केंद्र सरकार ने दाखिल हलफनामे में कहा कि महामारी की स्थिति में ब्याज की छूट का भार वहन सरकार करेगी, ये ही केवल समाधान है।
क्या है इससे फायदा
दरअसल, वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वजह से मार्च में लॉकडाउन लागू किया गया था। लॉकडाउन की वजह से सभी काम-धंधे बंद थे। ऐसे में बहुत से लोग लोन की EMI चुकाने की स्थिति में नहीं थे इसीलिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के आदेश पर बैंकों से EMI नहीं चुकाने के लिए 6 महीने की मोहलत दिलवाई गई थी। लेकिन इसमें मोरेटोरियम के बदले लगने वाले अतिरिक्त चार्ज को लेकर समस्या उत्पन्न हो रही थी। मोरेटोरियम पर ये अतिरिक्त चार्ज लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए बड़ा बोझ बन रहा था। केंद्र सरकार की ओर से दी गई इस बड़ी राहत का साफ अर्थ है कि लोन मोरेटोरियम का लाभ ले रहे लोगों को अब ब्याज पर अतिरिक्त पैसे नहीं पड़ेंगे। ऐसे ग्राहकों को सिर्फ लोन का सामान्य ब्याज देना होगा।
सख्त टिप्पणी की थी सुप्रीम कोर्ट ने
मालूम हो कि पिछले महीने अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने मोरेटोरियम मामले में केंद्र सरकार पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि इस बारे में हलफनामा दाखिल कर केंद्र सरकार स्पष्टीकरण दे । सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि आप सिर्फ व्यापार में दिलचस्पी नहीं ले सकते। सरकार को लोगों की परेशानियों को भी समझना होगा।