MV Act में बदलाव: 3 महीने में चेंज हो जाएगी टायर की डिजाइन, सब कुछ जानें लें नहीं तो चलना पड़ सकता है पैदल

केंद्र सरकार ने MV Act में जो बदलाव किए हैं, उसमें टायर की डिजाइन में होने वाले चेंज बहुत महत्वपूर्ण हैं। यह बदलाव 1 अक्टूबर 2022 से लागू हो जाएंगे। साथ ही 1 अप्रैल 2023 से सभी गाड़ियों को नए डिजाइन वाले टायर लगवाने होंगे।

Manoj Kumar | Published : Jul 9, 2022 9:42 AM IST

नई दिल्ली. नए MV Act के अनुसार टायरों की डिजाइन बदली जाएगी। पेट्रोल-डीजल की बचत के लिए टायरों की स्टार रेटिंग का भी एक सिस्टम ला रही है। अब देश में बिकने वाले टायर की क्वालिटी बीआईएस यानि ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड मानक के अनुसार होंगे। इसलिए आपको सभी नियम जानने जरूरी हैं, ताकि नई डिजाइन वाले टायर खरीदते समय कोई परेशानी न हो। आइए जानते हैं क्या बदलाव होंगे और आपके लिए क्या जानना जरूरी है...

3 कैटेगरी के होंगे टायर
नए बदलावों की तहत कुल 3 कैटेगरी के टायर होंगे। जिसमें सी1, सी2 और सी3 की श्रेणियां होंगी। सी1 कैटेगरी टायर पैसेंजर कार में होंगे। सी2 कैटेगरी टायर छोटी कामर्शियल गाड़ियों में होती है। सी3 कैटेगरी के टायर हैवी कामर्शियल गाड़ियों में लगाई जाती हैं। इन तीनें कैटेगरी के टायरों के लिए आटोमोटिव इंडियन स्टैंडर्ड यानि एआईएस के नए नियम और पैरामीटर्स लागू होंगे।

क्यों पड़ रही है जरूरत
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 2020 में कुल 3 लाख 66 हजार 138 सड़क हादसे हुए। इन दुर्घटनाओं में 1 लाख 31 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। मंत्रालय का रिव्यू बताता है कि सड़क हादसों की बड़ी वजहों में सड़क के अलावा टायरों का खराब होना भी बड़ा कारण है। सरकार लगातार हादसे कम करने की दिशा में काम कर रही है, जिसकी वजह से कई नए रूल्स लाए गए हैं। मंत्रालय ने कार में एयरबैग की संख्या 6 करने का भी सुझाव दिया है।

नए डिजाइन के टायरों के फायदे
. नए डिजाइन के टायर से सड़क पर अच्छी ग्रिप मिलेगी।
. पुराने टायरों के मुकाबले नए टायरों की क्वालिटी अच्छी होगी।
. टायरों की रेटिंग होगी, जो क्वालिटी पैरामीटर्स पर आधारित होगी।
. विदेश से आने वाले घटिया टायरों पर रोक लगाई जा सकेगी।
. नई डिजाइन में रोलिंग रेजिस्टेंस लगाया जाएगा।
. नए डिजाइन के टायरों में वेट ग्रिप का इस्तेमाल किया जाएगा।
. नए डिजाइन वाले टायरों में रोलिंग साउंड एमिशन्स होगा।

टायर खरीदें तो न हों कंफ्यूज
. टायर मुख्य तौर पर 2 तरह के होते हैं। ट्यूबलेस व ट्यूब के साथ। ट्यूबलेस टायर ही अब डिमांड में है।
. कंपनी के स्टैंडर्ड साइज का ही टायर खरीदें क्योंकि यह परफार्मेंस बेहतर देता है।
. सही ट्रेड पैटर्न वाला ही टायर खरीदें क्योंकि इसकी सड़क पर अच्छी पकड़ होती है।
. टायरों की डिजाइन, प्रोडक्शन, मेटेनेंस और रिकवरी आटोमोटिव इंडियन स्टैंडर्ड के नियमों के तहत होते हैं।

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