ऑयल कंपनियों की सेफ्टी और सिक्योरिटी पर समिति ने संसद में रखे सुझाव, इन 10 प्वाइंट्स में समझाई पूरी बात

समिति ने सिफारिश की है कि मंत्रालय/ओएनजीसी को नियमित रूप से साइबर सुरक्षा पर संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वय करना चाहिए और अपने प्रतिष्ठानों में किसी भी साइबर हमले को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए।

बिजनेस डेस्क। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस पर एक स्थायी समिति ने सरकारी ऑयल कंपनियों के  तेल प्रतिष्ठानों की सेफ्टी और सिक्योरटी के विषय पर अपनी छठी रिपोर्ट पेश की। समिति की ओर से सरकार को 10 सुझाव दिए हैं। समिति का मानना है कि अगर इन सुझावों को लागू किया गया तो ऑयल कंपनियों की सेफ्टी और सिक्योरिटी को आंच नहीं आएगी। समिति की ओर से दिए गए सुझावों में मौसम पूर्वानुमान की सुविधा जिसमें ओएनजीसी और आईएमडी का आपसी सहयोग प्रमुख हैं। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर समिति की ओर से किस तरह के सुझाव दिए गए हैं।

पेट्रोलियम क्षेत्र में सुरक्षा उपायों का पीरियोडिक रिव्यू जरूरी
समिति ने सिफारिश की है कि मंत्रालय को उद्योग के पेशेवरों, कानूनी विशेषज्ञों, शिक्षाविदों आदि को शामिल करते हुए एक वर्किंग ग्रुप का गठन करना चाहिए, जो सुरक्षा ढांचे के सभी पहलुओं को देख सके और देश में पेट्रोलियम सेक्टर के लिए आवश्यक परिवर्तनों का सुझाव दे सके।

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वेदर फोरकास्ट सर्विस
समिति ने सिफारिश की है कि 2010 से मौसम पूर्वानुमान सेवाएं देने के लिए एक निजी कंपनी को नियुक्त करने का ओएनजीसी का निर्णय एक खराब निर्णय था और यह सिफारिश की कि मंत्रालय को अपनी मौसम पूर्वानुमान सेवाओं के लिए मेसर्स स्काईमेट के चयन के पीछे के कारणों की जांच करनी चाहिए।

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ऑफशोर वेसल्स के लिए लॉबुक की की जरुरत
समिति ने सिफारिश की है कि मंत्रालय को समन्वय करना चाहिए और यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक इनपुट देना चाहिए कि कानून और रूल्स एंड रेगुलेशंस जहाजरानी मंत्रालय द्वारा लाए जा सकते हैं।

मौसम पूर्वानुमान में आईएमडी और ओएनजीसी के बीच सहयोग की आवश्यकता
समिति ने सिफारिश की है कि ओएनजीसी को मौसम बुलेटिन और सलाह लेने की अपनी पुरानी प्रथा को तुरंत बहाल करना चाहिए और आईएमडी से इसकी स्थापना के लिए स्थान विशिष्ट पूर्वानुमान भी लेना चाहिए।

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पेट्रोलियम क्षेत्र के लिए सिंगल सेफ्टी एजेंसी की आवश्यकता
समिति ने देश में पेट्रोलियम क्षेत्र के लिए सुरक्षा संबंधी नियमों और विनियमों को लागू करने के लिए एक वैधानिक निकाय बनाने के लिए पी एंड एनजी मंत्रालय की आवश्यकता पर जोर दिया है।

राहत उपाय और मुआवजा पैकेज
समिति की इच्छा है कि मंत्रालय को एक इंस्टीट्यूशनल मैकेनिज्म स्थापित करना चाहिए जिसमें पी एंड एनजी मंत्रालय, ओएनजीसी और ठेकेदारों के प्रतिनिधि शामिल हों ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सभी पीडि़तों को मुआवजा पैकेज अंतिम रूप दिया जाएगा।

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एचएलसी रिपोर्ट का इंप्लीमेंटेशन
समिति ने सिफारिश की है कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को एक अंतर-मंत्रालयी समूह के अधिकारियों का गठन करना चाहिए और समयबद्ध तरीके से एचएलसी द्वारा की गई सिफारिशों के कार्यान्वयन की प्रगति की नियमित निगरानी करनी चाहिए। इस संबंध में की गई कार्रवाई से तीन महीने में समिति को अवगत कराया जा सकता है।

थर्ड पार्टी के विरुद्ध कार्रवाई
समिति ने सिफारिश की है कि मंत्रालय/ओएनजीसी को थर्ड पार्टी के निरीक्षण और सर्टिफिकेशन एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, जिन्होंने पी-305 के जीवन-राफ्ट को सर्टिफाई किया है। समिति आगे चाहती है कि जीवन रक्षक उपकरणों की नियमित सर्विसिंग को सीसीटीवी में रिकॉर्ड किया जाए और उसका रिकॉर्ड विधिवत रखा जाए।

दस्तावेजों के सख्त सत्यापन की आवश्यकता
समिति ने सिफारिश की है कि ओएनजीसी को यह सुनिश्चित करने के लिए अपने इंटरनल अप्रूवल मैकेनिज्म में बदलाव करने की जरूरत है कि प्रस्तुत प्रमाण पत्र उनके द्वारा ठीक से जांचे गए हैं।

प्रतिष्ठानों की साइबर सुरक्षा
समिति ने सिफारिश की है कि मंत्रालय/ओएनजीसी को नियमित रूप से साइबर सुरक्षा पर संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वय करना चाहिए और अपने प्रतिष्ठानों में किसी भी साइबर हमले को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए।

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