लॉकडाउन को लेकर निवेशकों में असमंजस, सप्ताह में कारोबार के पहले दिन बाजार में रही गिरावट

बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स सोमवार को करीब 470 अंक लुढ़क गया। कोरोना वायरस के बढ़ते मामले की वजह से लॉकडाउन की अवधि बढ़ने की आशंका के साथ निवेशकों में चिंता है
बिजनेस डेस्क: बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स सोमवार को करीब 470 अंक लुढ़क गया। कोरोना वायरस के बढ़ते मामले की वजह से लॉकडाउन की अवधि बढ़ने की आशंका के साथ निवेशकों में चिंता है। मुख्य रूप से एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईसीआईसीआई बैंक जैसे सेंसेक्स में वजन रखने वाले प्रमुख शेयरों में गिरावट से प्रमुख सूचकांक पर असर पड़ा। 

तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 469.60 अंक यानी 1।51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 30,690.02 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, एनएसई निफ्टी 118.05 अंक यानी 1.30 प्रतिशत लुढ़ककर 8,993.85 अंक पर बंद हुआ। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये 25 मार्च से 21 दिन के लिये देशव्यापी रोक की अवधि मंगलवार को पूरी हो रही है। 

बजाज फाइनेंस को सबसे ज्यादा नुकसान 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को देश को संबोधित करेंगे। ऐसी आसार हैं कि वह रोक को और बढ़ा सकते हैं। बाजार अम्बेडकर जयंती पर मंगलवार को बंद रहेगा। सोमवार को वैश्विक शेयर बाजारों की गिरावट का भी घरेलू बाजारों पर असर पड़ा। सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान में बजाज फाइनेंस रही। 

कंपनी का शेयर 10 प्रतिशत से अधिक नीचे आया। उसके बाद क्रमश: महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाइटन, हीरो मोटो कार्प, आईसीआईसीआई बैंक और टेक महिंद्रा का स्थान रहा। वहीं दूसरी तरफ एल एंड टी, भारती एयरटेल, इंडसइंड बैंक, अल्ट्राटेक, सीमेंट और एनटीपीसी लाभ में रहें। सेंसेक्स में अच्छी हिस्सेदारी रखने वाले दोनों एचडीएफसी में 3.12 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 2.46 प्रतिशत टूटा। 

लॉकडाउन को लेकर निर्णय का इंतजार 

आईसीआईसीआई बैंक 3.44 प्रतिशत नीचे आया। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘यूरोप में कोरोना वायरस संक्रमण दर के नीचे आने की उम्मीद के बावजूद भारतीय बाजारों में गिरावट रही। इसका कारण देश के कुछ क्षेत्रों में कोराना संक्रमण में बढ़ोतरी है। बाजार को मौजूदा बंद को लेकर निर्णय की प्रतीक्षा है। सरकार बंद को धीरे-धीरे वापस लेने की योजना की घोषणा कर सकती है।’’ 

उन्होंने कहा कि बंद को अगर चालू रूप में बरकरार रखा जाता है तो आर्थिक वृद्धि तथा कंपनियों की आय पर और दबाव बढ़ेगा। इसका बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

कच्चे तेल का भाव गिरा 

इसके अलावा निवेशकों को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर के आंकड़े का भी इंतजार है जो सोमवार को जारी होने वाला है। एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई, तोक्यो और सोल के बाजारों में गिरावट दर्ज की गयी। ‘ईस्टर मंडे’ के कारण यूरोप के बाजार बंद रहे। इस बीच, कच्चे तेल का वायदा भाव 2.06 प्रतिश्त गिरकर 30.83 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। 

भारत में बढ़ रहे संक्रमण के मामले

इधर, स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमित मामलों की संख्या बढ़कर 9,152 हो गयी है जबकि 308 लोगों की मौत हुई है। वैश्विक स्तर पर संक्रमण का आंकड़ा 18 लाख के ऊपर निकल गया है जबकि एक लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
 

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