क्रिप्टो के इस्तेमाल में वियतनाम नंबर 1, कई देशों में रेस्त्रां बिल इसी से भरे जा रहे, जानें भारत इसमें कहां

Cryptocurrency Most Heavily Users in world : चाइनालिसिस (Chainalysis ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में उभरते बाजारों में क्रिप्टो करंसी का इस्तेमाल 880 फीसदी तक बढ़ा है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इसमें बताया गया है कि कौन से देश दुनिया भर में क्रिप्टो के सबसे बड़े यूजर हैं। 


भारत के बजट 2022 (Budget 2022) में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala sitharaman) ने देश में अपना क्रिप्टो करंसी लॉन्च करने की घोषणा की है। उसके बाद से क्रिप्टो को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इस बीच चाइनालिसिस (Chainalysis ) की एक रिपोर्ट सामने आई है। इसके मुताबिक 2021 में उभरते बाजारों में क्रिप्टो करंसी का इस्तेमाल 880 फीसदी तक बढ़ा है। 

रिपोर्ट में बताया गया है कि कौन से देश दुनिया भर में क्रिप्टो के सबसे बड़े यूजर हैं। 154 देशों पर तैयार इस रिपोर्ट में खरीदी क्षमता के जरिये मूल्यांकन किया गया है। इसके अलावा प्रोफेशनल और अन्य भुगतानों में क्रिप्टो के उपयोग का भी डेटा निकाला गया है, ताकि पता लगाया जा सके कि वास्तव में किन देशों में इसका उपयोग बढ़ा है और बड़ी आबादी में क्रिप्टो को अपनाया है। इसी आधार पर देशों को रैंकिंग दी गई है। 

निवेश के रूप में भी इस्तेमाल की जा रही क्रिप्टो करंसी
इस रिपोर्ट के मुताबिक क्रिप्टो के लेनदेन में वियतनाम की रैंकिंग दुनियाभर में सबसे ऊपर है। वैसे तो वियतनाम में भी सरकारी तौर पर क्रिप्टो करंसी को मान्यता नहीं है, लेकिन लोग एसेट के तौर पर बिटकॉइन रख सकते हैं। इस छोटे से देश का क्रिप्टो करंसी के लेनदेन की वैल्यु भारत से बहुत अधिक कम नहीं है। भारत इस रैंकिंग में नंबर दो पर है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वियतनाम और अन्य विकासशील देशों में क्रिप्टोकरेंसी के लोकप्रिय होने का एक कारण यह है कि इसका इस्तेमाल निवेश के अन्य साधनों के बजाय वयापक तौर पर किया जाता है। वेनेजुएला, अर्जेंटीना और तुर्की जैसे देशों में जब स्थानीय मुद्रा लड़खड़ा रही है तो लोगों को क्रिप्टो में निवेश सबसे बेहतर विकल्प दिख रहा है। इसके जरिये वे अपनी बचत को सुरक्षित और संरक्षित कर रहे हैं। 

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नाइजीरिया और अफ्रीकी देशों में क्रिप्टो से हो रहे बिल पेमेंट 
क्रिप्टो को लेकर एक अहम बात ये भी सामने आई है कि विकासशील देशों में लोग डिनर बिल से लेकर मकान मालिक को किराए के रूप में भी क्रिप्टो करंसी से पेमेंट कर रहे हैं। इस मामले में नाइजीरिया और केन्या जैसे अफ्रीकी देश सबसे आगे हैं। अफ्रीकी देश इस तरह के पेमेंट में क्रिप्टो को बढ़ावा देने के इनोवेशन में सबसे आगे रहे हैं। यहां मोबाइल पेमेंट, बैंक हस्तांतरण और उनसे जुड़े डिजिटल पेमेंट के विकल्पों में क्रिप्टो की छलांग सबसे लंबी है। विकसित देशों के साथ - साथ अंग्रेजी भाषाई देशें, जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका (USA), ब्रिटेन, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में क्रिप्टो करंसी का इस्तेमाल सबसे व्यापक था। लेकिन अब भारत, चीन और ब्राजील जैसी अर्थव्यवस्थाओं में भी क्रिप्टो के बड़ी संख्या में यूजर रजिस्टर्ड हो रहे हैं। 

ऐसे तैयार हुई रैंकिंग 
यह रैंकिंग क्रिप्टो के लेनदेन के आधार पर दी गई है। यह क्रिप्टो से क्रिप्टो की खरीदी, रिटेल में क्रिप्टो के इस्तेमाल और बिल भुगतान आदि में क्रिप्टो के इस्तेमाल के आधार पर तैयार की गई है। चीन इस लिस्ट में 12वें नंबर पर है। 11वं नंबर पर थाईलैंड है। 

अल सल्वाडोर ने सबसे पहले दी मान्यता, लेकिन विश्व बैंक पक्ष में नहीं 
अल सल्वाडोर सरकार ने 9 जून 2021 को देश में बिटकॉइन को लीगल टेंडर घोषित किया था। इसका इस्तेमाल अल-सल्वाडोर की आधिकारिक मुद्रा अमेरिकी डॉलर के साथ किया जाता है। राष्ट्रपति नायब बुकेले के मुताबिक बिटकॉइन को आधिकारिक मुद्रा बनाने से विदेशों में रहने वाले सल्वाडोर के नागरिकों के लिए घर पर पैसे भेजना आसान हुआ है। हालांकि, विश्व बैंक और आईएमएफ ने इसका विरोध किया था और लीगल टेंडर के रूप में बिटकॉइन का इस्तेमाल बंद करने की सलाह दी थी। 
 

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