
बिजनेस डेस्क। सप्ताह के पहले कारोबारी दिन क्रिप्टोकरेंसी मार्केट (Cryptocurrency Market) में मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है। आंकड़ों के अनुसार दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के दाम (Bitcoin Price) एक फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है। वहीं इथेरियम की कीमत (Ethereum Price ) में भी गिरावट देखने को मिल रही है। जबकि डॉगकोइन, टेरा, कार्डानो के दाम में तेजी का महौल बना हुआ है। आपको बता दें कि यूक्रेन-रूस वॉर की वजह से क्रिप्टोकरेंसी के दाम गिरावट देखने को मिली है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर क्रिप्टोकरेंसी के दाम कितने हो गए हैं।
बिटकॉइन के दाम में गिरावट
बिटकॉइन की कीमत आज 39,000 डॉलर के स्तर से नीचे रही क्योंकि डिजिटल टोकन 1 फीसदी कम होकर 38,605 डॉलर पर कारोबार कर रहा था। दुनिया की सबसे लोकप्रिय और सबसे बड़ी क्रिप्टोक्यूरेंसी 2022 में अब तक लगभग 18 फीसदी नीचे है। यह पिछले साल नवंबर में अपने 69,000 डॉलर के रिकॉर्ड हाई से लगभग 30 फीसदी दूर है। इस बीच ग्लोबल क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार पूंजीकरण 1.8 ट्रिलियन डॉलर पर है। बीते 24 घंटे में 1 फीसदी से ज्यादा कम हुआ है।
यह भी पढ़ेंः- Gold Rate Today: सोना और चांदी में बड़ी गिरावट, 70 हजार से नीचे आई चांदी जानिए सोने के दाम
बाकी क्रिप्टोकरेंसी के दाम
दूसरी ओर इथेरियम क्रिप्टोकरेंसी भी 0.6 फीसदी गिरकर 2,570 डॉलर हो गई। हालांकि, डॉगकोइन की कीमत मामूली रूप से बढ़कर 0.11 डॉलर हो गई, जबकि शीबा इनु एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ 0.000022 डॉलर पर कारोबार कर रहा था। अन्य डिजिटल टोकन का प्रदर्शन भी मिला-जुला था। एवालांशे, पॉलीगॉन, लिटकोइन, स्टेलर, एक्सआरपी, यूनिस्वैप, सोलाना, पॉलीगॉन, पोलकाडॉट गिरावट के साथ के साथ कारोबार कर रहे थे, हालांकि, टेरा, कार्डानो पिछले 24 घंटों में इजाफा देखने को मिला है।
यह भी पढ़ेंः- एचडीएफसी बैंक ने Non-Withdrawable FDs पर ब्याज दरों में किया बदलाव, यहां देखें नई दरें
क्यों देखने को मिल रही है अस्थिरता
रूस-यूक्रेन संकट के कारण बढ़ते जियो पॉलिटिकल टेंशन के बीच व्यापक बाजार बिकवाली के बीच क्रिप्टोकरेंसी में हालिया अस्थिरता आई है। वहीं दूसरी ओर फेड पॉलिसी की ओर से भी क्रिप्टोकरेंसी में अस्थिरता देखने को मिली है। फेड की ओर से साफ कर दिया गया है कि वो आने वाले 7 गुना का इजाफा देखने को मिल सकता है। जिसकी वजह क्रिप्टोकरेंसी के दाम में गिरावट देखने को मिल रही है। जानकारों की मानें तो ब्याज दरों में इजाफा करने से महंंगाई पर काबू पाया जा सकता है।