कमरे में करें मशरूम की खेती, साल में हो सकती है 3 लाख तक आमदनी

आजकल मशरूम की खेती कर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। मशरूम की खेती की शुरुआत एक छोटे कमरे में भी की जा सकती है। इसकी खेती में ज्यादा पूंजी लगाने की भी जरूरत नहीं है। 

नई दिल्ली। बेहतर कमाई के लिए मशरूम की खेती एक अच्‍छा विकल्‍प है। इसकी खेती शुरू करने के लिए एक कमरा ही काफी है। मशरूम की खेती में होने वाले फायदे को देखकर इन दिनों शहरों में रहने वाले युवा भी इसमें खासी दिलचस्‍पी ले रहे हैं। यही कारण है कि आजकल नए-नए तरीकों से मशरूम की खेती की जा रही है। आज हम आपको बता रहे हैं मशरूम की खेती के एक खास तरीके के बारे में, जिसमें लगने वाले कुल खर्च का तीन गुना तक मुनाफा होता है। एक कमरे में मशरूम की खेती से सालभर में 3 से 4 लाख रुपए तक की आमदनी हो सकती है, वह भी सिर्फ 50 से 60 हजार रुपए की पूंजी लगाने से। 

ओएस्‍टर मशरूम
इस मशरूम को उगाने में गेहूं के भूसे और दानों का इस्‍तेमाल होता है। यह मशरूम ढाई से 3 महीने में तैयार हो जाता है। इसका उत्‍पादन पंजाब समेत उत्‍तर भारतीय राज्‍यों में काफी होता है। इस मशरूम को सबसे पहले हिमाचल प्रदेश विश्‍वविद्यालय के प्रोफेसर अनंत कुमार ने साल 2013 में उगाया था। 

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50 रुपए प्रति किलोग्राम लागत
प्रो. अनंत कुमार के अनुसार, एक किलोग्राम मशरूम को तैयार करने में लगभग 50 रुपए का खर्च आता है। 15 किलोग्राम मशरूम तैयार करने के लिए 10 किलोग्राम गेहूं के दानों की जरूरत होती है। यदि आप एक बार में 10 क्विंटल मशरूम उगा लेते हैं तो आपका कुल खर्च 50 हजार रुपए आएगा। इसके लिए आपको 100 वर्गफीट के एक कमरे में रैक जमानी होगी।

10 ग्राम लगता है बीज
सबसे पहले गेहूं को उबाला जाता है और इस पर मशरूम पाउडर डाला जाता है, जिससे मशरूम का बीज तैयार हो जाता है। तीन महीने के लिए इस बीज को 10 किलोग्राम गेहूं के भूसे में 10 ग्राम बीज के हिसाब से रखा जाता है। 3 महीने बाद गेहूं के ये दाने मशरूम के रूप में अंकुरित होने शुरू हो जाते हैं। इसके बाद इन्‍हें 20 से 25 दिनों के लिए पॉलिथीन में डालकर 25 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान वाले कमरे में रखा जाता है। फिर मशरूम बिकने के लिए तैयार हो जाता है।

रिटेल स्‍टोर से कर सकते हैं करार
ओयस्‍टर मशरूम की देश में सबसे अधिक मांग है। ब्रांडेड स्‍टोर पर भी सबसे ज्‍यादा ओयस्‍टर मशरूम ही बिकता है। इस मशरूम की कीमत कम से कम 150 से 200 रुपए प्रति किलोग्राम है। यदि आप अच्छी मार्केटिंग कर किसी रिटेल स्‍टोर से करार कर सकते हैं तो दाम और भी बेहतर मिल सकते हैं। कम से कम 150 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से 10 क्विंटल मशरूम की कीमत 150000 रुपए होती है। ऐसे में, मशरूम साल में दो बार पैदा किया जाए तो यह रकम आसानी से दोगुनी यानी 3 लाख रुपए तक पहुंच जाती है।

पंजाब में भारत का कुल 40 फीसदी मशरूम उत्‍पादन
बता दें कि पंजाब और हरियाणा में ही सबसे पहले 1987 में खाद्य मशरूम की खेती शुरू हुई थी। भारत में करीब 15000 टन प्रति वर्ष मशरूम का उत्‍पादन होता है। हरियाणा और पंजाब, दोनों राज्‍य कुल मिलाकर 60 फीसदी से ज्‍यादा मशरूम का उत्‍पा‍दन करते हैं। इसमें से भी करीब 40 फीसदी हिससेदारी अकेले पंजाब की है। यहां तकरीबन 6000 टन मशरूम होता है। पिछले दो सालों में पंजाब में मशरूम के उत्‍पादन में 50 से 60 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। भारत का मशरूम निर्यात कोटा लगभग 4000 टन सालाना है। मशरूम का सबसे ज्‍यादा निर्यात भारत से अमेरिका को किया जाता है।
 

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