
बिजनेस डेस्क। दीपावली पर शेयर बाजार (Share Market) बंद होता है, लेकिन शाम को एक घंटे के लिए खुलता है। इसे मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन (Muhurat Trading Session) कहा जाता है। इसका खास महत्व है। इस दौरान शेयर बाजार में निवेश करना शुभ माना जाता है। इस एक घंटे के इस मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन के दौरान ज्यादातर लोग शेयर खरीदते हैं। इस मौके पर बिकवाली नहीं होती है। इसलिए शेयर बाजार में तेजी आ जाती है। यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। हर साल मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए एक खास समय तय होता है।
शुभ माना जाता है निवेश
मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में निवेशक और ब्रोकर्स वैल्यू बेस्ड स्टॉक खरीदते हैं। ये लंबी अवधि के लिए अच्छे होते हैं। यह माना जाता है कि विशेष मुहूर्त में ग्रहों की स्थिति ऐसी होती है कि इस मौके पर किया गया निवेश सौभाग्य लाता है। बहुत सारे निवेशकों का मानना है कि इस मौके पर खरीदे गए शेयरों को रखा जाना चाहिए, क्योंकि ये भाग्यशाली होते हैं। कई निवेशक इस मौके पर खरीदे गए शेयर को अगली पीढ़ी तक ले जाते हैं। कई लोग इस खास ट्रेडिंग सेशन के दौरान शेयर बाजार में अपना पहला निवेश करते हैं।
1957 में हुई थी मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत
1957 में बीएसई (BSE) पर मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत हुई थी। पहले दो प्रमुख व्यापारिक समुदायों गुजरातियों और मारवाड़ियों ने इसकी शुरुआत की। एनएसई (NSE) में साल 1992 से इसकी शुरुआत हुई। तब से लेकर आजतक बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) पर दिवाली की शाम को एक घंटे के लिए ट्रेडिंग होती है।
मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन 2020 का समय
इस साल मुहूर्त ट्रेडिंग शाम 6.15 बजे शुरू होगी और शाम 7.15 बजे तक चलेगी। शाम 6 बजे से शाम 6.08 बजे तक प्री-ओपन मुहूर्त सत्र चलेगा और पोस्ट क्लोजिंग मुहूर्त 7.25 से 7.35 के बीच होगा। मुहूर्त के साथ ही नए संवत की शुरुआत होगी। इस साल संवत 2077 शुरू होगा।
मुहूर्त ट्रेडिंग पर निवेश का महत्व
माना जाता है कि दीपावली के मौके पर स्टॉक मार्केट में निवेश करना, बड़ी खरीददारी, टोकन निवेश या पहली बार खरीददारी करना शुभ होता है। वहीं, मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस मौके पर खरीददारी का महत्व तो है, लेकिन भावनाओं में बहकर ओवर वैल्यूड शेयरों की खरीद नहीं करनी चाहिए। शेयर बाजार में निवेश के पहले फायदे का ध्यान रखना चाहिए।