देशभर में किसान कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। किसानों का आंदोलन काफी लंबे समय से चल रहा है। किसानों और केंद्र सरकार के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला है। वहीं, आंदोलनरत किसान अंबानी और अडानी का विरोध कर रहे हैं।
बिजनेस डेस्क। देशभर में किसान कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। किसानों का आंदोलन काफी लंबे समय से चल रहा है। किसानों और केंद्र सरकार के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला है। वहीं, आंदोलनरत किसान अंबानी और अडानी का विरोध कर रहे हैं। पंजाब और हरियाणा में किसानों ने रिलायंस जियो के टावर तोड़ डाले हैं और काफी संख्या में किसानों ने अपने जियो के नंबर दूसरी कंपनी में पोर्ट करा लिए हैं। इसके अलावा, किसान अडानी का भी विरोध कर रहे हैं, जो एग्री बिजनेस में काफी पहले से हैं।
रिलायंस ने दी सफाई
बता दें कि किसानों के विरोध को देखते हुए मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने सफाई दी है कि उसका कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से कोई लेना-देना नहीं है और भविष्य में भी कंपनी का इरादा कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में उतरने का नहीं है। इसके अलावा, रिलायंस ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अर्जी भी दी है। रिलायंस का आरोप है कि प्रतिद्वंद्वी कंपनियों ने जियो के खिलाफ साजिश की है। इसका जवाब भी दूसरी कंपनियों ने दिया है।
और क्या कहा रिलायंस ने
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने एक बयान में कहा है कि रिलायंस या इसकी किसी सब्सिडियरी कंपनी ने पंजाब, हरियाणा या देश के किसी हिस्से में कॉरपोरेट या कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिए खेती की जमीन नहीं खरीदी है। कंपनी ने कहा भविष्य में भी उसकी कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग की कोई योजना नहीं है।
अडानी ग्रुप ने क्या कहा
अडानी ग्रुप (Adani Group) ने पिछले महीने ही एक बयान जारी किया था। इसमें कहा गया था कि कंपनी सिर्फ अनाज के स्टोरेज के बिजनेस में है और वह किसी भी तरह से अनाज की कीमत को प्रभावित नहीं करती है। अडानी का कहना है कि उनकी कंपनी यह तय नहीं करती है कि कितना अनाज स्टोर करना है। वह सिर्फ फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) को अपनी सेवा मुहैया कराती है। अडानी ने साफ तौर पर कहा है कि उनकी कंपनी किसानों से अनाज नहीं खरीदती है। बता दें कि अडानी का यह बयान तब आया, जब किसान आंदोलन जोर पकड़ रहा था।