वित्त मंत्री और RBI गवर्नर की बैठक, AGR को लेकर कही यह बात

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को कहा कि दूरसंचार कंपनियों पर सांविधिक बकाए को लेकर उच्चतम न्यायालय के आदेश से बैंकिंग क्षेत्र से जुड़ा कोई मुद्दा उठा तो केंद्रीय बैंक उस पर आंतरिक रूप से चर्चा करेगा

Asianet News Hindi | Published : Feb 15, 2020 10:03 AM IST / Updated: Feb 15 2020, 04:36 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को कहा कि दूरसंचार कंपनियों पर सांविधिक बकाए को लेकर उच्चतम न्यायालय के आदेश से बैंकिंग क्षेत्र से जुड़ा कोई मुद्दा उठा तो केंद्रीय बैंक उस पर आंतरिक रूप से चर्चा करेगा।

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अन्य दूरसंचार कंपनियों को चेतावनी दी है कि यदि वे न्यायालय के निर्देशानुसार समायोजित सकल आय (एजीआर) के 1.47 लाख करोड़ रुपये के आनुमानित बकाए को नहीं चुकाती हैं तो उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।

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आदेश पर कोई खास टिप्पणी नहीं की

दास ने इस आदेश पर कोई खास टिप्पणी नहीं की, जिसका असर उन बैंकों पर हो सकता है, जिन्होंने वित्तीय रूप से कमजोर दूरसंचार कंपनियों को कर्ज दिया है। इस आदेश के बारे में पूछने पर दास ने कहा कि यदि इसके संबंध में कोई मुद्दा सामने आया तो उस पर आंतरिक रूप से विचार किया जाएगा।

उन्होंने कहा, “यह उच्चतम न्यायालय का आदेश है और शीर्ष न्यायालय के किसी आदेश और इसके नतीजों पर मैं किसी भी तरह की टिप्पणी करना नहीं चाहूंगा। यह शीर्ष न्यायालय का आदेश है। इसके जो भी निहितार्थ आदि हों, उसकी समीक्षा करना रिजर्व बैंक का आंतरिक विषय है। यदि इस (आदेश) से जुड़ा कोई मुद्दा सामने आता है तो उस पर आंतरिक रूप से विचार किया जाएगा।”

रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल की बैठक के बाद दास ने संवाददाताओं से कहा कि आने वाले महीनों में ऋण उठाव तेज होने की संभावना है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के प्रमुख रजनीश कुमार ने शुक्रवार को कहा था कि बकाये को चुकाने के लिए दूरसंचार कंपनियों को अब धन का प्रबंधन करना होगा और यह मानना सबसे सुरक्षित होगा कि उन्होंने इसके लिए अब तक कुछ न कुछ इंतजाम कर लिया है।

वोडाफोन- आइडिया बंदी के कगार पर 

न्यायालय के आदेश के तुरंत बाद शुक्रवार को भारती एयरटेल ने दूरसंचार विभाग को 20 फरवरी तक 10,000 करोड़ रुपये देने की पेशकश की थी और उसके कहा था कि बाकी रकम न्यायालय में अगली सुनवाई से पहले दे दी जाएगी। एयरटेल पर लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के रूप में करीब 35,586 करोड़ रुपये बकाया हैं, जो उसे सरकार को देना है। वोडाफोन आइडिया को कुल 53,000 करोड़ रुपये अदा करने हैं, जिनमें से 24,729 करोड़ रुपये स्पेक्ट्रम के बकाया हैं और अन्य 28,309 करोड़ रुपये लाइसेंस शुल्क के बकाया हैं। वोडाफोन ने इससे पहले चेतावनी दी थी कि यदि उसे एजीआर के मसले पर राहत नहीं मिली, तो कंपनी बंद हो जाएगी।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

 

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