Covid-19 Tax : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया इसका सच, कहा- नहीं थी ऐसी कोई योजना

वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश किए जाने के पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के नाम पर टैक्स या सेस लगा सकती है। वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि सरकार ने इसके बारे में कोई विचार नहीं किया था।

Asianet News Hindi | Published : Feb 7, 2021 10:53 AM IST / Updated: Feb 07 2021, 04:24 PM IST

बिजनेस डेस्क। वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश किए जाने के पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के नाम पर टैक्स या सेस लगा सकती है। वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि सरकार ने इसके बारे में कोई विचार नहीं किया था। निर्मला सीतारमण ने रविवार को मुंबई में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का कभी कोविड-19 महामारी को लेकर टैक्स या सेस लगाने का इरादा नहीं रहा। उन्होंने कहा कि इस बात का पता नहीं चल पाया कि मीडिया में इसे लेकर चर्चा कैसे शुरू हो गई। निर्मला सीतारमण ने कहा कि जब विकसित अर्थव्यवस्था वाले देश इस महामारी से जूझ रहे थे, भारत ने कोविड से बचाव का रास्ता खोज लिया था। 

विनिवेश पर सरकार की नीति स्पष्ट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विनिवेश (Disinvestment) को लेकर सरकार की नीति स्पष्ट रही है। सीतारमण ने तात्कालिक खर्च के लिए 'परिवार के कीमती सामान बेचने' के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि सरकार टेक्सपेयर्स के पैसों को सोच-समझकर खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि आज भारत की विकास संबंधी जरूरतों के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) जैसे 20 संस्थानों की जरूरत है।

विकास वित्त संस्थान की जरूरत
निर्मला सीतारमण ने कहा कि आईडीबीआई (IDBI) के अनुभव से विकास वित्त संस्थान (DFI) का विचार सामने आया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा संचालित सिर्फ एक डीएफआई होगा और इसमें निजी क्षेत्र की भूमिका होगी। सीतारमण ने अर्थव्यस्था में आ रहे सुधार का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले 3 महीने के दौरान माल एवं सेवा कर (GST) कलेक्शन बढ़ा है। 

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