सभी मंत्रालयों से भी कह दिया गया है कि इस संबंध में वह कोई नया प्रपोजल न भेजें। इससे पहले भी खबरें आ रही थीं कि फाइनेंस मिनिस्ट्री ने सभी मंत्रालयों को कह दिया है कि वह कोई नई स्कीम से जुड़ा आवेदन ना भेजें।
नई दिल्ली. कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के संक्रमण पर काबू पाने की कोशिश में लगी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने कहा है कि आने वाले मार्च यानी इस वित्त वर्ष में अब वह कोई नई सरकारी योजना लेकर नहीं आएगी। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार फाइनेंस मिनिस्ट्री ने शुक्रवार को कहा कि सरकार फिलहाल कोई नई स्कीम लाने के पक्ष में नहीं है।
सभी मंत्रालयों से भी कह दिया गया है कि इस संबंध में वह कोई नया प्रपोजल न भेजें। इससे पहले भी खबरें आ रही थीं कि फाइनेंस मिनिस्ट्री ने सभी मंत्रालयों को कह दिया है कि वह कोई नई स्कीम से जुड़ा आवेदन ना भेजें।
कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के संक्रमण पर काबू पाने की कोशिश में लगी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने कहा है कि आने वाले मार्च यानी इस वित्त वर्ष में अब वह कोई नई सरकारी योजना लेकर नहीं आएगी। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार फाइनेंस मिनिस्ट्री ने शुक्रवार को कहा कि सरकार फिलहाल कोई नई स्कीम लाने के पक्ष में नहीं है। सभी मंत्रालयों से भी कह दिया गया है कि इस संबंध में वह कोई नया प्रपोजल न भेजें। इससे पहले भी खबरें आ रही थीं कि फाइनेंस मिनिस्ट्री ने सभी मंत्रालयों को कह दिया है कि वह कोई नई स्कीम से जुड़ा आवेदन ना भेजें।
खर्च में कटौती के लिए फैसला
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कोरोना की वजह से जारी आर्थिक संकट में खर्चों की कटौती के तहत यह फैसला लिया गया है। हालांकि यह रोक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और आत्मनिर्भर भारत से जुड़ी योजनाओं पर लागू नहीं होगी। यानी इनके तहत जो एलान किए गए हैं, उसके तहत आम आदमी को लाभ मिलने जारी रहेंगे। उन पर किसी तरह की रोक नहीं होगी। अभी जो भी खर्च हो रहे हैं वो गरीब कल्याण योजना और आत्मनिर्भर भारत के तहत किए जा रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत के तहत किए जा रहे निवेश से घरेलू कारोबार को मजबूत करना है।
20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज
बता दें कि सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के लड़ने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए हाल ही में 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया है। यह पैकेज आत्मभारत निर्भर भारत के तहत दिया गया है। इसमें खेती किसानी, एमएसएमई, स्ट्रीट वेंडर्स और छोटे कारोबारियों के अलावा प्रवासी मजदूरों और गरीबों का ध्यान रखा गया है। इसके तहत खेती और कोल सेक्टर में रिफॉर्म का भी एलान हुआ है। साथ ही लिक्विउिटी बढ़ाने के भी उपाय किए गए।