उन्होंने इस बात को गलत बताया कि एलआईसी का बाजार हिस्सा कम हो रहा है। वित्त मंत्री ने बताया कि 31 मार्च 2019 को पालिसियों की संख्या के आधार पर एलआईसी का बाजार हिस्सा 74.71 प्रतिशत था जो 31 जनवरी 2020 को बढ़कर 77.61 प्रतिशत हो गया। इस अवधि में प्रथम वर्ष प्रीमियम की आय 66.24 प्रतिशत से बढ़कर 70.02 प्रतिशत हो गयी।
नई दिल्ली. सरकार ने मंगलवार को कहा कि प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के जरिये भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के बाद भी पालिसी धारकों के हितों की सुरक्षा के लिए वह इसके प्रबंधन नियंत्रण को अपने पास बरकरार रखेगी।
वित्त मंत्री ने कहा LIC का प्रमुख शेयरधारक सरकार ही रहेगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार कानूनी बदलाव और विनियामक की अनुमति के बाद आईपीओ लाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार प्रमुख शेयरधारक बनी रहेगी और प्रबंधन नियंत्रण उसके पास बना रहेगा ताकि पालिसी धारकों का हित संरक्षित हो सके।’’ वित्त मंत्री ने कहा कि स्टाक एक्सचेंजों में कंपनियों को सूचीबद्ध करना कंपनी को अनुशासित करता है और वित्तीय बाजार तक पहुंच उपलब्ध कराता है। साथ ही यह खुदरा निवेशकों को इस प्रकार सृजित संपदा में भागीदारी के लिए अवसर प्रदान करता है।
LIC का मार्केट शेयर कम होने की बात गलत
उन्होंने इस बात को गलत बताया कि एलआईसी का बाजार हिस्सा कम हो रहा है। वित्त मंत्री ने बताया कि 31 मार्च 2019 को पालिसियों की संख्या के आधार पर एलआईसी का बाजार हिस्सा 74.71 प्रतिशत था जो 31 जनवरी 2020 को बढ़कर 77.61 प्रतिशत हो गया। इस अवधि में प्रथम वर्ष प्रीमियम की आय 66.24 प्रतिशत से बढ़कर 70.02 प्रतिशत हो गयी।
वित्त मंत्री ने 2020-21 के आम बजट भाषण में सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाले एलआईसी को सूचीबद्ध कराने की घोषणा की थी।
(ये खबर न्यूज एजेंसी पीटीआई/भाषा की है। एशियानेट हिन्दी न्यूज ने सिर्फ हेडिंग में बदलाव किया है।)