भगोड़े नीरव मोदी की हिरासत बढ़ गई, 2 जनवरी को वीडियो लिंक के जरिए होगा पेश

ब्रिटेन की एक अदालत ने बुधवार को सुनवाई के दौरान भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की हिरासत की अवधि बढ़ा दी है और उन्हें दो जनवरी को जेल से वीडियो लिंक के जरिये पेश होने को कहा है

लंदन: ब्रिटेन की एक अदालत ने बुधवार को सुनवाई के दौरान भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की हिरासत की अवधि बढ़ा दी है और उन्हें दो जनवरी को जेल से वीडियो लिंक के जरिये पेश होने को कहा है। नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक के साथ दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रत्यर्पण कार्रवाई से बचने के लिए लड़ाई लड़ रहा है।

नीरव मोदी वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में लंदन की वैंड्सवर्थ जेल से अपनी 28 दिन की " शुरुआती सुनवाई " के लिए उपस्थित हुआ। न्यायाधीश गैरेथ ब्रैंस्टन ने फिर से पुष्टि की है कि प्रत्यर्पण पर सुनवाई अगले साल 11 मई को शुरू होगी और यह पांच दिन चलेगी। न्यायाधीश ने यह भी फैसला दिया है कि नीरव मोदी दो जनवरी 2020 को वीडियो लिंक के जरिये पेश होगा इस बीच ,उसे 28 दिन हर रोज अदालत के सामने आना होगा।

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पिछले महीने जमानत की अर्जी 

नीरव ने पिछले महीने नजरबंदी में रहने की गारंटी देते हुए हुए जमानत की अर्जी लगायी थी। यह एक अभूतपूर्व पेशकश थी क्यों कि आतंकवाद के मामलों में संदिग्ध व्यक्तियों को इस प्रकार निरुद्ध किया जाता है। नीरव मोदी ने साथ ही यह भी दुहाई दी थी कि मार्ग में गिरफ्तार किए जाने के बाद वांड्सवर्थ जेल में सलाखों के पीछे रहते हुए उसका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ गया है।

न्यायाधीश एम्मा अर्बथनॉट ने छह नवंबर को कहा था कि ''अतीत से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भविष्य में क्या हो सकता है।'' ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने कहा कि इस साल की शुरुआत में ब्रिटेन का उच्च न्यायालय नीरव मोदी की याचिका ठुकरा चुका है इसलिए उच्च न्यायालय में जमानत के लिए अपील की कोई और संभावना नहीं है।

मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को खारिज

सीपीएस के प्रवक्ता ने कहा ,"आप सिर्फ एक बार अपील कर सकते हैं और बार - बार अपील नहीं कर सकते हैं।" इस बीच ,अगले साल की शुरुआत में प्रत्यर्पण मुकदमे की सुनवाई तक नीरव मोदी को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में "प्रारंभिक" सुनवाई के लिए पेश होना होगा। नीरव मोदी ने धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को खारिज किया था। हूगो कीथ के नेतृत्व में बचाव पक्ष ने दावा किया है कि भारत सरकार ने गलत तरीके से नीरव मोदी का नाम "विश्वविख्यात घोटालेबाज'' के रूप में प्रचारित कर उसे "कलंकित" किया है।

40 लाख पाउंड देने की पेशकश

नीरव के वकीलों ने नई जमानत याचिका के लिए जरुरी परिस्थितियों में बदलाव के हिस्से के रूप में पूर्व में 20 लाख पाउंड मुचलके की जगह 40 लाख पाउंड देने पेशकश की थी। उन्होंने न्यायालय को बताया कि साथी कैदियों ने उनके मुवक्किल पर हमला भी किया था। नीरव मोदी के वकीलों ने अदालत से शिकायत की कि नीरव के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर डाक्टर की रपट लीक की गयी है और इसमें भारत का हाथ है। जज ने कहा कि यदि इस लीक का स्रोत सचमुच भारत निकला तो यह उसके प्रति अदालत के विश्वास को प्रभावित करेगी।

लेकिन भारत की ओर से खड़े ब्रिटन की अभियोजना सेवा के वकीलों ने भी इस तरह के लीक पर चिंता जताई पर कहा कि इसमें भारत का कोई हाथ नहीं है।

नीरव मोदी 19 मार्च को गिरफ्तारी के बाद दक्षिण-पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में है भारत सरकार के अनुरोध पर स्कॉटलैंड यार्ड (लंदन पुलिस) ने प्रत्यर्पण वारंट की तामील करते हुए उसे गिरफ्तार किया था।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

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