FD, RD हो या करंट अकाउंट, बैंक डूबा तो खाताधारकों को मिलेंगे सिर्फ इतने रुपये

Published : Dec 03, 2019, 05:49 PM ISTUpdated : Dec 03, 2019, 07:09 PM IST
FD, RD हो या करंट अकाउंट,  बैंक डूबा तो खाताधारकों को मिलेंगे सिर्फ इतने रुपये

सार

बैंक कारोबार में विफलता की वजह से यदि बंद होता है तो उसमेंधन जमा रखने वाले जमाकर्ताओं को बीमा सुरक्षा के तहत केवल एक लाख रुपये ही मिलेगा, भले ही उसने उससे ज्यादा पैसे जमा करा रखे हों भारतीय रिजर्व बैंक की कंपनी डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) ने यह जानकारी दी है

नयी दिल्ली: कोई बैंक कारोबार में विफलता की वजह से यदि बंद होता है तो उसमें धन जमा रखने वाले जमाकर्ताओं को बीमा सुरक्षा के तहत केवल एक लाख रुपये ही मिलेगा, भले ही उसने उससे ज्यादा पैसे जमा करा रखे हों। भारतीय रिजर्व बैंक की कंपनी डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) ने यह जानकारी दी है।

सूचना के अधिकार में पूछे गये सवाल

सूचना के अधिकार कानून के तहत पूछे गये सवाल के जवाब में रिजर्व बैंक की पूर्ण अनुषंगी डीआईसीजीसी ने कहा कि यह सीमा बचत, मियादी, चालू और आवर्ती हर प्रकार की जमा के लिए है। डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन के अनुसार, 'डीआईसीजीसी कानून की धारा 16 (1) के तहत अगर बैंक विफल होता है या उसे बंद करना पड़ता है, डीआईसीजीसी प्रत्येक जमाकर्ता को परिसमापक के जरिये बीमा कवर के रूप में एक लाख रुपये तक देने के लिये जवाबदेह है। इसमें विभिन्न शाखाओं में जमा मूल राशि और ब्याज दोनों शामिल हैं...।'

एक लाख रुपये की सीमा को बढ़ाने का प्रस्ताव

यह पूछे जाने पर कि क्या पीएमसी बैंक धोखाधड़ी को देखते हुए एक लाख रुपये की सीमा को बढ़ाने का प्रस्ताव है, डीआईसीजीसी ने कहा, ''कॉरपोरेशन के पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है।'' डीआईसीजीसी कानून के तहत सभी पात्र सहकारी बैंक भी आते हैं। आरटीआई के जवाब में उसने कहा,''बैंक में जो भी पैसा जमा करता है, उसे अधिकतम एक लाख रुपये तक बीमा कवर मिलता है। इसका मतलब है कि अगर किसी कारण से बैंक विफल होता है या उसे बंद किया जाता है अथवा बैंक का लाइसेंस रद्द होता है, उस स्थिति में उसे एक लाख रुपये हर हाल में मिलेगा। भले ही बैंक में आपने कितनी भी ज्यादा राशि क्यों न जमा कर रखी हो।''

आरबीआई ने लगायी परिचालन में कुछ पाबंदियां 

बैंकों में धोखाधड़ी के विभिन्न मामले तथा लोगों की बचत राशि को जोखिम को देखते हुए यह जवाब महत्वपूर्ण है। उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने पीएमसी बैंक मामले में कथित वित्तीय अनियमितताओं को देखते हुए परिचालन में कुछ पाबंदियां लगायी और प्रशासक नियुक्त किया। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के अनुसार बैंक प्रबंधन ने उद्योग घराने से मिलकर एचडीआईएल समूह की कंपनियों द्वारा कर्ज में चूक को छिपाया।

बैंक ने कुल कर्ज का 70 प्रतिशत एचडीआईएल समूह को दिया और जब रीयल्टी कंपनी ने भुगतान में चूक किया तब बैंक में संकट उत्पन्न हो गया।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

PREV

Recommended Stories

कौन हैं यशस्विनी जिंदल? देश के एक बड़े औद्योगिक घराने से ताल्लुक
IndiGo Owner: 28 की उम्र में सबकुछ खोने वाला लड़का कैसे बना No.1 एयरलाइन का बॉस?