दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने किशोर बियाणी (Kishore Biyani) की कंपनी फ्यूचर ग्रुप (Future Group) और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की डील में हस्तक्षेप नहीं करने की याचिका पर अमेजन (Amazon) से जवाब मांगा है।
बिजनेस डेस्क। दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने किशोर बियाणी (Kishore Biyani) की कंपनी फ्यूचर ग्रुप (Future Group) और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की डील में हस्तक्षेप नहीं करने की याचिका पर अमेजन (Amazon) से जवाब मांगा है। फ्यूचर रिटेल का कहना है कि ई-कॉमर्स (E-Commerce Company) अमेजन सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) के एक अंतरिम आदेश के जरिए 24,713 करोड़ रुपए की इस डील में हस्तक्षेप कर रही है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने 30 दिन के अंदर मांगा जवाब
बता दें कि जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) की याचिका पर अमेजन, फ्यूचर कूपन्स लिमिटेड (FCPL) और रिलायंस रिटेल लिमिटेड (RRL) को समन जारी कर के 30 दिन के अंदर लिखित जवाब देने को कहा है। कोर्ट का कहना है कि अमेजन ने इस केस के आधार पर सवाल उठाए हैं और इस मामले को खुला रखा जाएगा। कोर्ट ने मंगलवार को दिन भर चली सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किया है।
आज भी जारी रहेगी दलीलें
बता दें कि आज बुधवार को भी दिल्ली हाईकोर्ट में अमेजन की ओर से दलीलें जारी रहेंगी। सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) ने 25 अक्टूबर को जारी किए गए अंतरिम आदेश में फ्यूचर ग्रुप की संपत्तियों की बिक्री पर रोक लगा दी थी। इसके बाद अमेजन ने सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI), भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (CCI) और शेयर बाजारों को पत्र लिख कर इस अंतरिम आदेश पर विचार करने को कहा था। अमेजन का कहना था कि सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) का आदेश बाध्यकारी है।
फ्यूचर ग्रुप ने कोर्ट से क्या की अपील
फ्यूचर ग्रुप ने दिल्ली हाईकोर्ट से अपील की है कि है कि वह अमेजन को सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (SIAC) के अंतरिम आदेश को लेकर सेबी, सीसीआई और दूसरे रेग्युलेटर्स को पत्र लिखने से रोके। फ्यूचर ग्रुप के वकील हरीश साल्वे ने अदालत से कहा कि उनका मुवक्किल एशियन इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (AIAC) के नियमों के तहत इमरजेंसी आर्बिट्रेटर के फैसले को चुनौती नहीं दे रहा है, क्योंकि भारतीय कानूनों के तहत इसे मान्यता प्राप्त नहीं है। हरीश साल्वे ने कहा कि वे सिर्फ यह चाहते हैं कि अमेजन को रिलायंस रिटेल और फ्यूचर ग्रुप के बीच 24,713 करोड़ रुपए की डील में हस्तक्षेप करने से रोका जाए।