गौतम अडानी बदलेंगे ऑटो सेक्‍टर की सूरत, ईवी में आजमाएंगे हाथ

एसबी अडानी ट्रस्ट (SB Adani Trust) को जमीन और पानी में चलने वाले वाहनों के लिए 'अडानी' नाम का उपयोग करने का ट्रेडमार्क मिला है। गौतम अडानी (Gautam Adani) का यह मूव अपने ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्‍ट्स में व्यापक रणनीति का हिस्सा है।

बिजनेस डेस्‍क। देश और एशिया के दूसरे सबसे अमीर शख्‍स गौतम अडानी ग्रीन एनर्जी (Green Energy) और स्‍टील सेक्‍टर (Steel Sector) में आने बाद ऑटो सेक्‍टर की सूरत बदलने की तैयारी में है। गौतम अडानी ने इसके लिए ट्रेडमार्क को भी अप्रूव करा लिया है। एसबी अडानी ट्रस्ट (SB Adani Trust) को जमीन और पानी में चलने वाले वाहनों के लिए 'अडानी' नाम का उपयोग करने का ट्रेडमार्क मिला है। गौतम अडानी (Gautam Adani) का यह मूव अपने ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्‍ट्स में व्यापक रणनीति का हिस्सा है।

क्‍या है गौतम अडानी की प्‍लानिंग
जानकारी के अनुसार अडानी की योजना इलेक्ट्रिक व्‍हीकल स्पेस एंट्री करने की है। ग्रुप इलेक्ट्रिक कमर्शियल व्हीकल्स जिसमें कोच, बस और ट्रक को शुरू करने की संभावनाओं पर काम करेगा। शुरुआत में एयरपोर्ट, पोर्ट और दूसरे लॉजिस्टिक्स उद्देश्यों के लिए अपनी इन हाउस आवश्यकताओं के लिए उनका यूज करेगा। ग्रुप की इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी बनाने और देशभर में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की भी प्‍लानिंग है।

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यहां बनएंगे रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर
केंद्र सरकार ने ईवी -चार्जिंग इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए रेवेन्यु शेयरिंग बेसिस पर चार्जिंग स्टेशन लगाने को प्राइवेट कंपन‍ियों को लैंड देने का ऑफर किया है। अडानी ग्रुप, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में अपनी प्रस्तावित एंट्री के लिए गुजरात के मुंद्रा में अपने एसईजेड में एक आरएंडडी सेंटर स्थापित करने की प्‍लानिंग है। यह कदम अडानी समूह को टाटा समूह और रिलायंस इंडस्ट्रीज के खिलाफ खड़ा करता है, जिनकी भी लो-कार्बन प्रॉजेक्ट्स में महत्वाकांक्षी प्रोजेक्‍ट्स हैंयोजनाएं हैं।

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कमर्शियल ईवी मार्केट की बदल जाएगी सूरत
ऑटो सेक्‍टर के जानकारों का कहना है अडानी के कमर्शियल ईवी मार्केट में एंट्री से ऑटो सेक्‍टर की सूरत बदलने में देर नहीं लगेगी। सन मोबिलिटी के को-फाउंडर एवं वाइस-चेयरमैन चेतन मैनी के अनुसार उन्‍हें मुझे अडानी के प्रोजेक्‍ट्स के बारे में जानकारी नहीं है। बड़े समूह को इलेक्ट्रिक वाहनों में शामिल होते देखना बहुत अच्छा है।" वर्तमान में टाटा मोटर्स और अशोक लेलैंड, Ace और Dost ब्रांडों के साथ लास्ट माइल और फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी सेगमेंट को नियंत्रित करते हैं।

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