केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बतााया, माल्या, नीरव मोदी और चोकसी से बैंकों को 18,000 करोड़ लौटाए

सरकार (Central Govt) ने जस्टिस एएम खानविलकर (Justice AM Khanwilkar) की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि इस तरह के मामलों में अदालतों द्वारा पारित किसी भी कठोर कार्रवाई के अंतरिम आदेशों द्वारा कवर की गई कुल राशि लगभग 67,000 करोड़ रुपए है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 23, 2022 2:24 PM IST

बिजनेस डेस्‍क। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को सूचित किया है कि विजय माल्या (Vijay Mallya), नीरव मोदी (Nirav Modi) और मेहुल चौकसी (Mehul Choksi) से बैंकों में 18,000 करोड़ रुपए वापस आ गए हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि यह पूरी राश‍ि उक्त राशि बैंकों को वापस कर दी गई है। सरकार ने जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि इस तरह के मामलों में अदालतों द्वारा पारित किसी भी कठोर कार्रवाई के अंतरिम आदेशों द्वारा कवर की गई कुल राशि लगभग 67,000 करोड़ रुपए है।

कोर्ट ने 24 तक पेश होने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले पूर्व अरबपति और भगोड़े व्यवसायी विजय माल्या के खिलाफ अवमानना के मामले को 24 फरवरी के लिए स्थगित कर दिया था, जिसमें उन्हें व्यक्तिगत रूप से या वकील के माध्यम से पेश होने का लास्‍ट चांस के रूप में दो सप्ताह का समय दिया गया था। माल्या धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना करने के लिए भारत में वांछित है और ब्रिटेन में जमानत पर रहता है जबकि एक "गोपनीय" कानूनी प्रक्रिया पूरी हो जाती है।

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माल्‍या पर कितना बकाया
फरवरी 2019 में यूके सरकार द्वारा भारत में उनके प्रत्यर्पण का आदेश दिए जाने के बाद, माल्या के ब्रिटिश अदालतों में आदेश का विरोध करने के सभी कानूनी रास्ते समाप्त कर दिए। माना जाता है कि व्यवसायी अब ब्रिटेन में राजनीतिक शरण मांगने वाले एक आवेदन पर निर्भर है। जबकि माल्या पर प्रिंसीपल और ब्याज में बैंकों के एक कंसोर्टियम का 9,000 करोड़ रुपए बकाया है।

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नीरव और चोकसी ने लगाया था 13 हजार रुपए का चूना
वहीं दूसरी ओर हीरा कारोबारी नीरव मोदी और चोकसी, जो पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ऋण धोखाधड़ी मामले में मुख्य आरोपी हैं, ने बैंक को 13,000 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी सूचित किया है कि इंफोर्समेंट डायरेक्‍ट्रेट (ईडी) द्वारा अब तक 4,700 मामलों की जांच की जा रही है, और 2002 में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के लागू होने के बाद से कथित अपराधों के लिए केवल 313 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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