गुड्स एंड सर्विसेस काउंसिल (GST Council) की आज 18 नवंबर को अहम बैठक होने वाली है। इस दौरान जीएसटी काउंसिल की लॉ कमेटी (Law Committee) की बैठक में जीएसटी कानून (GST Law) में जरूरी बदलाव पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
बिजनेस डेस्क। गुड्स एंड सर्विसेस काउंसिल (GST Council) की आज 18 नवंबर को अहम बैठक होने वाली है। इस दौरान जीएसटी काउंसिल की लॉ कमेटी (Law Committee) की बैठक में जीएसटी कानून (GST Law) में जरूरी बदलाव पर विचार-विमर्श किया जाएगा। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने फर्जी बिलों के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया और कानूनी प्रावधानों को और ज्यादा सख्त बनाने की तैयारी की है। इसीलिए जीएसटी काउंसिल की लॉ कमेटी (Law Committee) की बैठक भी हो रही है। आज होने वाली बैठक में जीएसटी कानून (GST Law) में जरूरी बदलाव पर विचार किया जाएगा। बता दें कि डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DG GST Intelligence) ने 4 दिन में इस तरह के फर्जीवाड़े में 25 लोगों को गिरफ्तार किया है।
जीएसटी एक्ट में बदलाव पर होगा विचार
केंद्र और राज्य सरकारें जीएसटी के सिस्टम को बेहतर बनाने की कोशिश कर रही हैं। वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के सूत्रों के मुताबिक, जीएसटी काउंसिल की लॉ कमेटी (Law Committee) ने फर्जी इनवॉयस से होने वाली धोखाधड़ी के मुद्दे पर चर्चा की है। इन मामलों से निपटने के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में बदलाव लाने और दूसरे कानूनी उपायों पर विचार किया गया है। इसमें जीएसटी एक्ट में बदलाव का प्रस्ताव भी शामिल है। फर्जी डीलर्स की ओर से जीएसटी कानूनों के उल्लंघन के मामलों से निपटने के लिए जीएसटी कानून के तहत आने वाले डीम्ड रजिस्ट्रेशन से संबंधित प्रावधानों को सख्त बनाने के मुद्दे पर भी इस बैठक में फैसला लिया जा सकता है।
जीएसटी कानून की कमियां दूर करने पर विचार
जीएसटी काउंसिल की आज होने वाली बैठक में फर्जी इनवॉयस को जीएसटी कानून के तहत रोकने के लिए सख्त उपायों पर विचार किया जाएगा। इसके अलावा, जीएसटी कानून की खामियों पर भी विचार किया जाएगा। बता दें कि फर्जी जीएसटी इनवॉयस का इस्तेमाल जीएसटी टैक्स भरने में घोटाला करने के लिए ही नहीं किया जाता, बल्कि फर्जी कंपनियों की ओर से हवाला के जरिए विदेश पैसे भेजने और फर्जी आयात-निर्यात दिखाने के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा, इन फर्जी इनवॉयस का उपयोग बैंकों और दूसरे वित्तीय संस्थाओं से गलत तरीके से या धोखाधड़ी से लोन लेने के लिए भी किया जाता है। इससे बैंकों को नकुसान उठाना पड़ रहा है।