ओपेक देशों में नहीं बन पाई सहमति, खाड़ी देशों के शेयर बाजारों में भारी गिरावट

Published : Mar 08, 2020, 06:04 PM IST
ओपेक देशों में नहीं बन पाई सहमति, खाड़ी देशों के शेयर बाजारों में भारी गिरावट

सार

ओपेक देश कोरोना वायरस के कारण तेल के दाम पर पड़े असर को थामने के लिये उत्पादन में कटौती करना चाह रहे हैं। 

दुबई। सऊदी अरब समेत खाड़ी देशों में शेयर बाजारों में रविवार को बड़ी गिरावट दर्ज की गयी। तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और सहयोगियों के बीच तेल उत्पादन में कटौती को लेकर समझौता नहीं होने के बाद शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गयी।

ओपेक देश कोरोना वायरस के कारण तेल के दाम पर पड़े असर को थामने के लिये उत्पादन में कटौती करना चाह रहे हैं। शुक्रवार को तेल के दाम करीब चार साल के न्यूनतम स्तर पर जाने के बाद कारोबार शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद क्षेत्र के सबसे बड़े पूंजी बाजार सऊदी शेयर बाजार कारोबार शुरू होते ही 7.7 प्रतिशत का गोता लगा गया।

तेल कंपनी सऊदी अरामको का शेयर आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) मूल्य पहली बार 32 रियाल (8.5 डॉलर) से नीचे आ गया। कंपनी का शेयर 6 प्रतिशत टूटकर 31.98 रियाल पर पहुंच गया। दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी ने दिसंबर में आईपीओ दिसंबर में सूचीबद्ध हुआ था। लेकिन उसके बाद से उसका मूल्य 1,710 अरब डॉलर से घटकर 1,650 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।

गिरावट के बाद शाही परिवार में गिरफ्तारी 
सऊदी बाजार में गिरावट सत्तारूढ़ परिवार के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद हुई है। कई सूत्रों ने बताया कि सऊदी प्रशासन ने शाह सलमान के भाई और भतीजे समेत तीन राजकुमारों को गिरफ्तार किया है। तीनों को सत्ता पलट की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया। इससे यह संकेत मिलता है कि युवराज मोहम्मद बिन सलमान की सत्ता पर पकड़ मजबूत हुई है।

6 साल में सबसे बड़ी गिरावट 
खाड़ी देशों के अन्य बाजारों में गिरावट दर्ज की गयी। दुबई वित्तीय बाजार एक समय 8.5 प्रतिशत तक नीचे चला गया। छह साल में यह सबसे बड़ी गिरावट है। अबू धबी में भी 7 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि कतर शेयर बाजार 3.5 प्रतिशत नीचे आया। कुवैत शेयर बाजार में भी 7 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के बाद दो बार अस्थायी रूप से कारोबार निलंबित किया गया। बहरीन और ओमान के बाजारों में भी क्रमश: 3 प्रतिशत और 1.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी।

ओपेक और सहयोग देशों के शुक्रवार को तेल कटौती पर सहमत नहीं होने के बाद बाजार में गिरावट दर्ज की गयी। रूस ने कोरोना वायरस के प्रभाव से निपटने के लिये आपूर्ति में कमी से इनकार कर दिया। इससे तेल के भाव में गिरावट दर्ज की गयी। ब्रेंट क्रूड का भाव 45.27 डॉलर बैरल पर पहुंच गया जो चार साल का न्यूनतम स्तर है।

प्रतीकात्मक फोटो 

(ये खबर न्यूज एजेंसी पीटीआई/भाषा की है। हिन्दी एशियानेट न्यूज ने सिर्फ हेडिंग में बदलाव किया है।)

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