अगर आपने भी इस बैंक से लिया है लोन तो बढ़ जाएगी EMI, जानें आखिर क्या है वजह

अगर आपने HDFC बैंक से होम लोन लिया है, तो आपकी EMI बढ़ने वाली है। दरअसल, देश की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी HDFC लिमिटेड ने अपने रिटेल प्राइम लेंडिंग रेट (RPLR) में 35 बेसिस प्वाइंट यानी 0.35% की बढ़ोतरी का फैसला किया है।

HDFC Bank Increase PLR: रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट बढ़ाए जाने का असर आपके लोन की किश्तों पर भी पड़ेगा। अगर आपने HDFC बैंक से होम लोन लिया है, तो आपकी EMI बढ़ने वाली है। दरअसल, देश की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी HDFC लिमिटेड ने अपने रिटेल प्राइम लेंडिंग रेट (RPLR) में 35 बेसिस प्वाइंट यानी 0.35% की बढ़ोतरी का फैसला किया है। इससे होम लोन की मिनिमम दर बढ़कर अब 8.65% हो गई है। यह बढ़ोतरी 20 दिसंबर, 2022 से लागू हो जाएगी। 

HDFC के मुताबिक, 8.65 प्रतिशत की नई दर सिर्फ उन ग्राहकों के लिए ही होंगी जिनका क्रेडिट स्कोर 800 प्वाइंट या उससे ज्यादा होगा। बता दें कि मई से लेकर अब तक HDFC अपनी लोन दरों में 2.25% तक की बढ़ोतरी कर चुका है। ताजा बढ़ोतरी के बाद अब HDFC का होम लोन महंगा हो जाएगा और आपके खाते से डेबिट की जाने वाली मासिक ईएमआई (EMI) भी बढ़ जाएगी। 

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बैंक क्यों बढ़ा रहे हैं लोन की ब्याज दरें : 
दरअसल, रिजर्व बैंक ने महंगाई पर काबू पाने के लिए पिछले कुछ समय में रेपो रेट में लगातार बढ़ोतरी की है। रेपो रेट बढ़ने के साथ ही आम बैंकों को रिजर्व बैंक से पैसा महंगी दरों पर मिलता है, जिसके चलते वो भी ब्याज दरें बढ़ा देते हैं। रेपो रेट बढ़ने के बाद बैंकों के अलावा हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों ने भी ब्याज दरें बढ़ा दी हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पहले ही होम लोन की ब्याज दरों में इजाफा कर चुका है। 

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RBI इस साल 5 बार बढ़ा चुका रेपो रेट : 
रिजर्व बैंक ने 2022 में लगातार पांच बार रेपो रेट में इजाफा किया है। दिसंबर के महीने में रेपो रेट में 0.35% की बढ़ोतरी के बाद (RBI Repo Rate Hike) रेपो रेट 6.25%  हो गया है। रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट में बढ़ोतरी मई 2022 से शुरू हुई थी। 

RBI क्यों बढ़ाता या घटाता है रेपो रेट?
RBI बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए रेपो रेट बढ़ाता है। इससे उसके द्वारा बैंकों को मिलने वाला ब्याज महंगा हो जाता है, जिससे मार्केट में लिक्विडिटी (मनी फ्लो) कम हो जाती है। जब बाजार में पैसा कम होता है, तो सभी चीजों की डिमांड कम हो जाती है और महंगाई पर काबू पाया जा सकता है। ठीक इसी तरह जब अर्थव्यवस्था में मंदी होती है तो रिजर्व बैंक रेपो रेट घटा देता है। इससे बैंकों को सस्ती दरों पर पैसा मिलता है और वो ग्राहकों को भी कम दरों पर लोन बांटते हैं। मार्केट में लिक्विड मनी बढ़ने से लोग जमकर खरीदारी करते हैं। 

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