कोरोना महामारी के संकट के दौरान केंद्र सरकार गरीबों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए कई योजनाएं शुरू करने जा रही है। ऐसी ही एक योजना मत्स्य संपदा योजना है, जिसके लिए 20 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
बिजनेस डेस्क। कोरोना महामारी के संकट के दौरान केंद्र सरकार गरीबों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए कई योजनाएं शुरू करने जा रही है। ऐसी ही एक योजना मत्स्य संपदा योजना है, जिसके लिए 20 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस योजना के बारे में सरकार ने बजट के दौरान जानकारी दी थी। फिलहाल, कोरोना महामारी में आर्थिक पैकेज के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। यह योजना आत्मनिर्भर भारत अभियान का एक हिस्सा है।
55 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन के लिए सरकार 20 हजार करोड़ की प्रधानमंत्री मत्स्य पालन योजना शुरू करने जा रही है। उन्होंने बताया कि इस योजना से करीब 55 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
70 लाख टन मछली का होगा उत्पादन
वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना से 5 सालों में 70 टन अतिरिक्त मछली का उत्पादन हो सकेगा। इससे मत्स्य निर्यात दोगुना होकर करीब 100,000 करोड़ रुपए का हो जाएगा। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि मरीन, इनलैंड फिशरी और एक्वाकल्चर में व्यावसायिक गतिविधियों को तेज करने के लिए सरकार 11,000 करोड़ रुपए का फंड उपलब्ध कराएगी।
फिशिंग हार्बर के लिए 9 हजार करोड़ रुपए
वित्त मंत्री ने कहा कि इसके अलावा फिशिंग हार्बर, कोल्ड चेन, मार्केट और दूसरे इन्फ्रास्ट्रक्चरल डेवलपमेंट के लिए सरकार 9 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। इससे केज कल्चर, सीविड फार्मिंग, ऑर्नामेंटल फिशरीज और लेबोरेटरी नेटवर्क डेवपल किए जाएंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को आत्मनिर्भर भारत अभियान आर्थिक पैकेज की तीसरी किश्त की घोषणा की। इसमें इन्फ्रास्ट्रक्चर और एग्रीकल्चर से जुड़ी कई घोषणाएं की गईं।