26.55 फीसदी के इजाफ के साथ 58.26 बिलियन डॉलर के आयात में अधिक वृद्धि ने वित्त वर्ष 2023 के पहले महीने में व्यापक व्यापार घाटा छोड़ा। एक साल पहले की अवधि में 15.29 अरब डॉलर और मार्च 2022 में 18.51 अरब डॉलर के मुकाबले व्यापार अंतर 20.07 अरब डॉलर था।
बिजनेस डेस्क। मंगलवार को जारी प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार पेट्रोलियम उत्पादों, इलेक्ट्रॉनिक सामानों और रसायनों के नेतृत्व में, भारत का व्यापारिक निर्यात अप्रैल में 24.22 फीसदी बढ़कर 38.19 अरब डॉलर हो गया। 26.55 फीसदी के इजाफ के साथ 58.26 बिलियन डॉलर के आयात में अधिक वृद्धि ने वित्त वर्ष 2023 के पहले महीने में व्यापक व्यापार घाटा छोड़ा। एक साल पहले की अवधि में 15.29 अरब डॉलर और मार्च 2022 में 18.51 अरब डॉलर के मुकाबले व्यापार अंतर 20.07 अरब डॉलर था।
किसमें कितना हुआ इजाफा
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अप्रैल के निर्यात में 24.22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 2021-22 के रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन को जारी रखे हुए है, जिसके परिणामस्वरूप अप्रैल में सबसे अधिक निर्यात हुआ है। मंत्लय ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों (113.21 फीसदी), इलेक्ट्रॉनिक सामान (64.04 फीसदी) और रसायनों (26.71 फीसदी) ने अप्रैल के दौरान निर्यात में उच्च वृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया।
सोने के आयात में गिरावट
अप्रैल 2021 की तुलना में पेट्रोलियम, कच्चे तेल और उत्पादों के आयात में साल-दर-साल 81.21 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि सोने के आयात में लगभग 73 फीसदी की गिरावट आई। गैर-तेल, गैर-सोना, चांदी और कीमती धातु) आयात, घरेलू मांग की मजबूती का एक उपाय, 29.68 फीसदी बढ़ा। जैसा कि आंकड़ों से पता चलता है कि भारत के निर्यात में काफी इजाफा देखने को मिला है। वहीं दूसरी ओर आयात में भी तेजी देखने को मिली है। वास्तव में कई सामानों का प्रोडक्शन कम होने के कारण कीमतों में तेजी आई है, जिसकी वजह से कम निर्यात के बाद भी राजकोषीय घाटे में असर देखने को मिला है।