7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों को सैलरी के अलावा सरकार देगी 30000 रुपए, यह है तरीका

Published : Jun 07, 2022, 07:13 PM IST
7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों को सैलरी के अलावा सरकार देगी 30000 रुपए, यह है तरीका

सार

नौकरी के दौरान हाइयर डिग्री लेना है, तो अब आपको कार्मिक मंत्रालय रुपए देगी। मंत्रालय हाइयर एजकेशन के लिए कर्मचारियों को अलग-अलग डिग्री के मुताबिक रुपए दे रही है। 

नई दिल्लीः केंद्रीय कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) में कई तरह के लाभ मिलते हैं। महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी करके हर साल उनके वेतन को बढ़ाया जाता है। इसके अलावा प्रमोशन और अन्य भत्तों का भी लाभ मिलता है। लेकिन, यदि कोई कर्मचारी नौकरी करते हुए उच्च डिग्री अर्जित करता है, तो उसे एक अलग लाभ दिया जाता है। केंद्र सरकार ने उच्च डिग्री हासिल करने वाले कर्मचारियों के लिए इनसेंटिव्स को 5 गुना तक बढ़ा दिया है। पीएचडी जैसी उच्च डिग्री हासिल करने वाले कर्मचारियों के लिए इनसेंटिव्स 10,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दिया गया है।

किया गया नियमों में बदलाव
कार्मिक मंत्रालय ने कर्मचारियों को हाइयर डिग्री हासिल करने के लिए इनसेंटिव्स बढ़ाने के लिए 20 साल पुराने नियमों में बदलाव किया है। पुराने नियमों के तहत अब तक नौकरी के दौरान हाइयर डिग्री हासिल करने वाले कर्मचारियों को 2,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक की इनसेंटिव्स दी जाती थी। लेकिन, वर्ष 2019 से इस इनसेंटिव को 2,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया। कार्मिक मंत्रालय के सर्कुलर के मुताबिक 3 साल या उससे कम का डिग्री डिप्लोमा हासिल करने पर 10 हजार रुपये इंसेंटिव के तौर पर दिए जाएंगे। वहीं, 3 साल से ज्यादा की डिग्री या डिप्लोमा हासिल करने पर 15,000 रुपये दिए जाएंगे।

इतना मिलेगा इंसेंटिव
1 वर्ष या उससे कम की PG डिग्री/डिप्लोमा प्राप्त करने पर 20,000 रुपये दिए जाएंगे। वहीं, 1 साल से ज्यादा की PG डिग्री/डिप्लोमा लेने वाले कर्मचारियों को 25,000 रुपये मिलेंगे। पीएचडी या इसके समकक्ष योग्यता हासिल करने वालों को 30,000 रुपये दिए जाएंगे।

इन बातों का रखें ध्यान
कार्मिक मंत्रालय के निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि एकेडमिक एजुकेशन या लिट्रेचर सब्जेक्ट में हाइली क्वालिफाइड होने पर कोई इनसेंटिव नहीं दिया जाएगा। कर्मचारी द्वारा अर्जित की गई डिग्री/डिप्लोमा कर्मचारी के पद से संबंधित या उसके अगले पद में किए जाने वाले कार्य से संबंधित होने चाहिए। इसमें कहा गया है कि योग्यता और कार्य के बीच सीधा संबंध होना चाहिए। ये बदलाव साल 2019 से प्रभावी हैं। 

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