पिता मुकेश अंबानी के करीबी कारोबारी दोस्त, पर ड्रीम 11 के लिए घर से नहीं लिया एक भी पैसा; आज अरबों में वैल्यू

1 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा वैल्यू वाली कंपनी की हैसियत का अंदाजा लगाया जा सकता है। ड्रीम 11 बनने से लेकर आईपीएल तक का पूरा सफर किसी को भी इंस्पायर कर सकता है। ड्रीम 11 का पूरा इतिहास पढ़िए। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 19, 2020 10:30 AM IST / Updated: Aug 19 2020, 04:16 PM IST

बिजनेस डेस्क। आईपीएल के 2020 एडिशन में टाइटल स्पॉन्सरशिप हासिल करने की वजह से बिजनेस और स्पोर्ट्स के क्षेत्र में ड्रीम 11 की काफी चर्चा है। यह देश की पहली फैंटेसी गेमिंग प्लेटफॉर्म कंपनी है जिसका इतिहास बहुत ज्यादा पुराना नहीं है। 12 साल पहले तमाम मुश्किलों के बीच स्टार्टअप के रूप में कंपनी का सफर शुरू हुआ था। आज 1 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा वैल्यू वाली कंपनी की हैसियत का अंदाजा लगाया जा सकता है। ड्रीम 11 बनने से लेकर आईपीएल तक का पूरा सफर किसी को भी इंस्पायर कर सकता है। 

आज ही की तरह 13 साल पहले 2007 में वैश्विक मंदी का दौर शुरू हुआ था। उस वक्त नए कारोबार या स्टार्टअप पर बात करने की छोड़िए जमे-जमाए कारोबार भी सुस्ती में टूट रहे थे। लोग नए बिजनेस सेटअप के जोखिम से बच रहे थे और जो जमे-जमाए थे वो अपना दायरा समेट रहे थे। 2008 में ऐसे ही दौर में कोलम्बिया बिजनेस स्कूल के एक एमबीए स्टूडेंट ने अपने साथी भावित सेठ के साथ क्रिकेट को फोकस करते हुए मल्टी गेमिंग ऐप ड्रीम 11 की शुरुआत का फैसला लिया था। इस लड़के का नाम हर्ष जैन था। हर्ष को बचपन से ही कारोबारी माहौल मिला था, लेकिन उन्होंने पारंपरिक कारोबार की बजाय एंटरप्रेन्योरशिप को चुना। वो भी क्रिकेट में।   

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पिता मुकेश अंबानी के सबसे करीबी दोस्तों में 
हर्ष के पास बिजनेस आइडिया तो था लेकिन इसके लिए जरूरी फंड नहीं था। हालांकि वो ऐसे परिवार से आते थे कि उन्हें घर से फंड हासिल कर सकते थे या पिता के नाम का इस्तेमाल करके भी पूंजी जूता सकते हे। उनके पिता कोई और नहीं जय कॉर्प के चेयरमैन और देश के जानेमाने अरबपति आनंद जैन हैं। आनंद को लोग मुकेश अंबानी के बेहद करीबी कारोबारी दोस्त के रूप में भी जानते हैं। उन्होंने रिलायंस का बिजनेस सेटअप करने में मुकेश की मदद भी की है। लेकिन हर्ष कुछ अलग करना चाहते थे। 

घर से मदद की बजाय अपनाया ये रास्ता 
ईएसपीएन के को-फाउंडर और बाद में ड्रीम 11 के एडवाइजर बने विशाल मिश्रा कहते हैं, "2013 के मध्य में कोलम्बिया से एमबीए कर रहे और फैंटेसी क्रिकेट वेबसाइट का एक लड़का मेरे ऑफिस आया था अपने बिजनेस में मदद के लिए। उसकी एनर्जी-एटिट्यूड ने मुझे प्रभावित किया और मैं उसकी मदद करने लगा।" विशाल के मुताबिक,  "उस वक्त उसे (हर्ष जैन) बिजनेस के लिए कुछ मिलियन डॉलर की जरूरत थी। वो क्रिकइन्फो के साथ स्टार्टअप के लिए डील भी चाहते थे। हमने कुछ डील की भी।"

 

इंस्पायरिंग है हर्ष का ये जज्बा 
विशाल के मुताबिक 2014 में हर्ष की रिक्वेस्ट पर एक डिनर के दौरान लोकसभा चुनाव को लेकर बातचीत में अदानी-अंबानी का जिक्र आया। तब उन्होंने बताया, "हमारा (हर्षा का) परिवार मुकेश अंबानी के बहुत करीब है। मेरे बचपन से ही दोनों परिवार फैमिली फ्रेंड हैं।" तब ये जानकर विशाल हैरान रह गए थे ये लड़का जय कॉर्प के मालिक आनंद जैन का बेटा है। उस वक्त हर्ष ने विशाल से कहा था, "मैं लोगों को नहीं बताता कि मैं आनंद जैन का बेटा हूं। जय कॉर्प और उनका नाम दूर रखता हूं। मैं खुद के दम पर और स्वतंत्र रूप से ड्रीम 11 को सक्सेसफुल बनाना चाहता हूं।" 

150 से ज्यादा रिजेक्शन, नहीं मानी हार 
बताने की जरूरत नहीं कि इसके बाद ड्रीम 11 ने भारत के ऑनलाइन गेमिंग में किस तरह से सफर तय किया। 2008 में शुरू हुई कंपनी ने शुरुआती तीन साल के दौरान में 150 से ज्यादा रिजेक्शन झेले। 2012 में चीजें पटरी पर आती नजर आईं। और उसके बाद 2014 से कंपनी ने जो ग्रोथ शुरू की वो मिसाल है। 2014 तक कंपनी के सिर्फ 10 लाख रजिस्टर यूजर थे। ये आंकड़ा 2016 में 20 लाख, 2018 में 40 लाख और आज की तारीख में 80 लाख से ज्यादा रजिस्टर यूजर तक पहुंचा गया हैं। कंपनी 2019 में  यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुई और इसे देश की 10 बेहतरीन इनोवेटिव कंपनियों में शुमार किया गया। अब कंपनी की वैल्यू एक बिलियन डॉलर से ज्यादा है। भारत के कुछ राज्यों में गेमिंग क़ानूनों को लेकर कंपनी को कानूनी अड़चनों का भी सामना करना पड़ा। 

भावित सेठ को भी जान लीजिए 
ड्रीम 11 के को-फाउंडर और सीओओ भावित सेठ इंजीनियर हैं जिन्होंने बेंटली यूनिवर्सिटी से एमबीए किया हुआ है। हार्वर्ड से ईकॉमर्स में डिप्लोमा भी किया है। भावित, हर्ष के साथ 40  साल से कम उम्र के 40 एंटरप्रेन्योर में शामिल किए जा चुके हैं। भावित और हर्ष दोनों की उम्र अभी 35 साल से कम है।  

पूरी कंपनी को वर्सिलोना में घुमाया 
मुंबई से ऑपरेशन करने वाली कंपनी में हर कर्मचारी की वैल्यू है। डेटा साइंस और टेक्नोलोजी में रुचि रखने वाले और स्किल्ड लोगों के लिए ड्रीम 11 बेस्ट वर्कप्लेस है। पूरी कंपनी एक टीम के रूप में काम करती है। सक्सेस का जश्न भी साथ मनता है। ड्रीम 11 का एक आईपीएल इवेंट सक्सेसफुल हुआ था जिसके बाद हर्ष और भावित ने पूरी कंपनी को वर्सिलोना के पेड वकेशन पर घुमाया। 

 

होता क्या है ड्रीम 11 प्लेटफॉर्म में  
क्रिकेट, बेसबाल, फुटबाल, बास्केटबाल का ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म है। यहां कोई यूजर रियल लाइफ प्लेयर्स को लेकर किसी कंटेस्ट के लिए अपनी टीम बना सकता है। रियल मैचों के दौरान खिलाड़ियों के प्रदर्शन के आधार पर यूजर को पॉइंट्स मिलता है। सबसे ज्यादा पॉइंट हासिल करने वाला खिलाड़ी लीडर बोर्ड में पहली रैंक पर जाता है। कंटेस्ट फ्री और पेड दोनों तरह का होता है। कोई कंटेस्ट जॉइन करने के लिए एक यूजर निश्चित फीस देकर रियल कैश प्राइज़ भी जीत सकता है। हालांकि ड्रीम 11 के गेम में सिर्फ 18 साल से ज्यादा उम्र के लोग जिनके पास PAN कार्ड है, शामिल हो सकते हैं। वेबसाइट पर दिए गए विवरण की मानें तो कुछ यूजर्स 25 लाख रुपये तक की कैश प्राइज़ जीतने में कामयाब हुए हैं। 

गेमिंग के अलावा और क्या  करता है ड्रीम 11 
एक फाउंडेशन भी चलाता है जिसके जरिए जरूरतमंद खिलाड़ियों तैयार करने और मदद की कोशिश हो रही है। फाउंडेशन ने 3 साल की अवधि के लिए 3 करोड़ रुपये दिए हैं। देश के स्पोर्ट टैलेंट को बढ़ावा देने के लिए "कल के सितारे" प्रोग्राम के तहत 13 एथलीट्स का चयन किया गया है। 

ड्रीम 11 में धोनी की भूमिका क्या है?
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ड्रीम 11 के ब्रांड एम्बेसडर हैं। उन्हे लेकर 2018 में "दिमाग से धोनी" कैम्पेन लॉन्च किया गया था। 2017 में कंपनी ने हर्षा भोगले को भी ब्रांड एम्बेसडर के रूप में शामिल किया था। 2019 आईपीएल के लिए ड्रीम 11 ने सात क्रिकेटरों को साइन किया था।  

कैसे आईपीएल का टाइटल स्पॉन्सरशिप मिला? 
2020 आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए बाइजू और अनअकेडमी भी रेस में थीं, लेकिन बिडिंग में ड्रीम 11 ने बाजी मार ली। इसके बदले ड्रीम 11, बीसीसीआई को 222 करोड़ रुपये देगा। कोरोना के दौर में इस डील को लेकर बोर्ड खुश है। कॉन्ट्रेक्ट इसी साल दिसंबर तक लिए वैलिड होगा। हालांकि इस डील में बोर्ड को 217.80 करोड़ का नुकसान हुआ है। 

आईपीएल से वीवो क्यों हुआ बाहर 
इससे पहले 2018 में चीनी कंपनी वीवो ने 2199 करोड़ रुपये देकर पांच साल के लिए स्पॉन्सरशिप लिया था। मगर पिछले कुछ महीनों में लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच एक्चुअल लाइन पर विवाद के बाद चीनी कंपनियों के बहिष्कार की मुहिम शुरू हो गई। भारत सरकार की ओर से टिकटॉक समेत कई चीनी ऐप पर बैन के बाद चीनी कंपनियों का कॉन्ट्रेक्ट खत्म किया जाने लगा। बीसीसीआई को भी वीवो को दिया कॉन्ट्रेक्ट खत्म करना पड़ा था। 

ड्रीम 11 का चीनी कनेक्शन, इन्वेस्टर्स कौन-कौन 
ड्रीम 11 पूरी तरह से भारतीय कंपनी है। मगर इसका चीनी कनेक्शन भी है। दरअसल, चीन की दिग्गज टेक कंपनी टेनसेंट होल्डिंग लिमिटेड ने इसमें 100 मिलियन डॉलर इन्वेस्ट कर रखा है। ड्रीम 11 के अलावा बाइजूस जैसे दिग्गज यूनिकॉर्न में भी टेनसेंट ने पैसा लगाया है। ड्रीम 11 में टेनसेंट के अलावा कलारी कैपिटल, मल्टीपलेस (Multiples) इक्विटी और स्टेडव्यू कैपिटल मैनेजमेंट ने भी इन्वेस्ट किया है। 

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