World Milk Day 2022: समुद्र में तैरता है यह डेयरी फार्म, रोबोट निकालता है दूध.. करोड़ों में होती है कमाई

नीदरलैंड का एक डेयरी फार्म समुद्र में तैरता है। इसे इसी तरह बनाया गया है। इसकी खासियत यह है कि यहां रोबोट दूध निकालते हैं। यह एक तरह का पावर प्लांट जैसा भी है। क्योंकि इस डेयरी फार्म में खपत होनेवाली पूरी बिजली इसी फार्म से उत्पन्न की जाती है। 

Moin Azad | Published : Jun 1, 2022 11:46 AM IST / Updated: Jun 01 2022, 05:25 PM IST

नई दिल्ली: वर्ल्ड मिल्क डे (World Milk Day 2022) हर साल 1 जून को मनाया जाता है। आज के दिन आपको एक अनोखे डेयरी फार्म के बारे में बताने जा रहे हैं। यह डेयरी फार्म अपने तरह का अनोखा डेयरी फार्म है। यह समुद्र में तैरता डेयरी फार्म है। इसे समुद्र में इसलिए बनाया गया है क्योंकि यह बंदरगाह से सीधा कनेक्ट है। जो भी इस डेयरी फार्म से किसी बिजनेस का लेनदेन करना चाहते हैं, वे सीधा यहां आ सकते हैं। इसकी खासियत सिर्फ इतनी नहीं है कि यह तैरता हुआ डेयरी फार्म है। बल्कि इसकी खासियत यह भी है कि इसमें दूध भी रोबोट निकालता है। इसमें सोलर पैनल के जरिये बिजली भी उत्पन्न होती है।

करोड़ों में होती है कमाई
इस फार्म में डेली 800 लीटर दूध निकाला जाता है। नीदरलैंड में एक लीटर दूध की कीमत 1 यूरो है। यानी 83.07 रुपये। ऐसे में हर दिन 66,456 रुपये के दूध का उत्पादन इस डेयरी फार्म से होता है। 19,93,680 रुपये हर महीने इसकी कमाई होती है। सालाना 2,39,24,160 रुपये इस डेयरी का इनकम है। जानकारी दें कि इधर कुछ सालों में दुनिया भर में दूध का कारोबार 587 बिलियन डॉलर का हो चुका है।

दुनिया का पहला तैरता हुआ डेयरी फार्म
नीदरलैंड्स के रोटरडम में दुनिया का पहला तैरता हुआ डेयरी फार्म शुरू हो गया है। बंदरगाह पर बने इस दो मंजिला डेयरी फार्म में एक साथ 40 गाय को रखा गया है। इनसे हर दिन 800 लीटर का उत्पादन किया जा रहा है। इस डेयरी की खासियत एक और ये भी है कि गायों का दूध निकालने के लिए यहां रोबोट को रखा गया है।

इस फार्म को डच प्रॉपर्टी कंपनी बेलाडोन ने तैयार किया है। फार्म शहर में दूध की आपूर्ति को पूरा करने के लिए बनाया गया है। फार्म तक पहुंचने के लिए बंदरगाह में रास्ता बनाया गया है, जहां प्रोडक्ट उपभोक्ता आसानी से पहुंच जाते हैं।

फार्म के जनरल मैनेजर अल्बर्ट बेरसन ने कहा कि गायों का 80 फीसदी चारा रोटरडम की फूड फैक्ट्रियों से निकलने वाले वेस्ट प्रोडक्ट से लिया जाता है। बेवरीज, रेस्तरां और कैफे से भी मदद ली जा रही है। उन्होंने कहा कि सोलर पैनल के जरिए फार्म अपनी बिजली खुद बना रहे हैं। फार्म में निकलने वाले गोबर का इस्तेमाल खाद और गैस बनाने में किया जाता है। 

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