इंडसइंड बैंक को खरीद सकता है कोटक महिंद्रा, जानें प्रमोटर कंपनी ने क्या कहा

प्राइवेट सेक्टर के बड़े बैंकों में शुमार इंडसइंड बैंक (Indusind Bank) को कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) खरीद सकता है। यह जानकारी एक रिपोर्ट के जरिए सामने आई है, हालांकि इंडसइंड बैंक की प्रमोटर कंपनी ने इसे महज अफवाह बताया है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Oct 26, 2020 7:44 AM IST

बिजनेस डेस्क। प्राइवेट सेक्टर के बड़े बैंकों में शुमार इंडसइंड बैंक (Indusind Bank) को कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) खरीद सकता है। यह जानकारी एक रिपोर्ट के जरिए सामने आई है, हालांकि इंडसइंड बैंक की प्रमोटर कंपनी ने इसे महज अफवाह बताया है। इस क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि अगर यह सौदा हो जाता है तो कोटक महिंद्रा बैंक देश का आठवां सबसे बड़ा बैंक बन सकता है। वहीं, इंडसइंड बैंक की प्रमोटर कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग लिमिटेड (IIHL) ने इन खबरों को गलत, आधारहीन और अफवाह बताया है। कंपनी का कहना है कि इंडसइंड बैंक को प्रमोटर्स और हिंदुजा फैमिली का लगातार समर्थन हासिल है।

क्या आई रिपोर्ट
ब्लूमबर्ग (Bloomberg) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोटक महिंद्रा बैंक के को-फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर उदय कोटक (Uday Kotak) इंडसइंड बैंक के अधिग्रहण की संभावना को देख रहे हैं। इस मामले से जुड़े हुए एक सूत्र का कहना है कि हिंदुजा फैमिली और उदय कोटक ने उस प्रस्ताव पर शुरुआती बातचीत की है, जिसमें इंडसइंड बैंक के को-फाउंडर डील के बाद बैंक में हिस्सेदारी रख सकते हैं। 

प्रमोटर्स की है कितनी हिस्सेदारी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इंडसइंड बैंक के प्रमोटर्स की इसमें 15 फीसदी से कम हिस्सेदारी है। बाकी 85 फीसदी हिस्सेदारी रिटेल इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के पास है। इसके अलावा बैंक का मार्केट कैप 46,000 करोड़ रुपए के करीब है। अगर इन दोनों बैंकों का मर्जर होता है तो कोटक और इंडसइंड बैंक के बीच एक बैंकिंग सौदा किया जाएगा, क्योंकि इस समय बाजार में कोटक बैंक के पास कैश की स्थिति मजबूत है।

डील हुई तो कोटक महिंद्रा का बढ़ेगा एसेट
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस डील से कोटक महिंद्रा की स्थिति मजबूत होगी। डील के बाद बैंक के एसेट्स में करीब 83 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो सकती है। इसके साथ ही इंडसइंड बैंक को भी राहत मिलेगी। इंडसइंड बैंक की मार्केट वैल्यू में एसेट क्वालिटी खराब होने और लो-कॉस्ट डिपॉजिट की वजह से 6 बिलियन डॉलर की गिरावट देखी गई है। बता दें कि इसके पहले साल 2014 में कोटक महिंद्रा बैंक ने भारत में ING Groep NV की स्थानीय यूनिट का अधिग्रहण किया था। इसके लिए कोटक महिंद्रा बैंक ने 2 बिलियन डॉलर का भुगतान किया था।  


 

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