
सोचिए, आपने बड़ी मेहनत से अपनी पसंदीदा कार खरीदी और उसके लिए इंश्योरेंस भी लिया। लेकिन जब कभी एक्सीडेंट या रिपेयर का समय आता है तो क्लेम अमाउंट आपकी उम्मीद से कम क्यों मिलती है? इसका सबसे बड़ा कारण है डिप्रिसिएशन।
कार इंश्योरेंस में डिप्रिसिएशन एक ऐसा फैक्टर है, जो सीधे-सीधे आपके क्लेम को प्रभावित करता है। यही वजह है कि आजकल लोग कार इंश्योरेंस चुनते समय इस पहलू को अच्छी तरह समझना चाहते हैं।
अगर आप भी जानना चाहते हैं कि डिप्रिसिएशन क्या है और यह आपके इंश्योरेंस क्लेम को कैसे प्रभावित करता है, तो यह ब्लॉग आपके लिए है।
साथ ही, हम देखेंगे कि कैसे आधुनिक इंश्योरेंस विकल्प, जैसे ACKO policy, इस मामले में कार ओनर्स को बेहतर सुविधा देने की कोशिश करते हैं।
कार इंश्योरेंस में डिप्रिशिएशन का मतलब है, समय के साथ आपकी कार और उसके पार्ट्स की वैल्यू कम होना। जैसे-जैसे कार पुरानी होती है, उसकी कीमत घटती जाती है। जब आप किसी क्लेम के लिए अप्लाई करते हैं, तो इंश्योरेंस कंपनी कार के पार्ट्स की घटती कीमत के हिसाब से ही पेमेंट करती है, पूरी कीमत नहीं देती। इसी को डिप्रिशिएशन कहते हैं।
अगर आपकी कार 5 साल से कम पुरानी है तो इससे बचने का एक बेहतर तरीका है ACKO car insurance का 'जीरो डिप्रिशिएशन कवर' एड-ऑन लेना। जिसमें थोड़ा प्रीमियम ज्यादा लगता है, लेकिन दावे के समय कार के पार्ट्स का डिप्रिशिएशन आपको नहीं उठाना पड़ता और आपको पूरी राशि मिलती है।
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कार इंश्योरेंस में डिप्रिशिएशन की दरें समझना बहुत जरूरी है ताकि दावे के समय आपको सही राशि मिल सके। यह दरें कार की उम्र और बीमित घोषित मूल्य (IDV) के हिसाब से तय होती हैं और इंश्योरेंस रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) द्वारा निर्धारित की गई हैं।
कार इंश्योरेंस में डिप्रिशिएशन की दरें कुछ इस प्रकार हैं:
| कार की उम्र | डिप्रिशिएशन दर |
| 6 महीने तक | 5% |
| 6 महीने से 1 साल | 15% |
| 1 साल से 2 साल | 20% |
| 2 साल से 3 साल | 30% |
| 3 साल से 4 साल | 40% |
| 4 साल से 5 साल | 50% |
| 5 साल से ज्यादा | इंश्योरर और ग्राहक की सहमति से तय होती है |
ध्यान रखें, कार के अलग-अलग पार्ट्स जैसे रबर, प्लास्टिक, टायर या बैटरी पर 50% तक का डिप्रिशिएशन लग सकता है, जबकि फाइबरग्लास पर 30% तक और ग्लास पार्ट्स जैसे शीशे पर कोई डिप्रिशिएशन नहीं लगता। इसका मतलब है कि दावे में आपको इन पार्ट्स की लागत का पूरा मुआवजा नहीं मिल पाता।
कार इंश्योरेंस में डिप्रिशिएशन का सीधा असर आपके क्लेम के पैसों पर पड़ता है। आइए एक आसान उदाहरण से समझते हैं:
यानी, आपने ₹10,000 का खर्च किया, लेकिन डिप्रिशिएशन की वजह से आपको सिर्फ ₹6,000 ही वापस मिले।
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कार इंश्योरेंस में डिप्रिसिएशन को कई चीजें प्रभावित करती हैं जैसे:
कार इंश्योरेंस में डिप्रिशिएशन के असर को कम करना बहुत आसान है। बस इन बातों का ध्यान रखें:
मेहनत से खरीदी अपनी कार के लिए सही इंश्योरेंस लेना और डिप्रिसिएशन के असर को समझना आपकी जेब बचाने में मदद करता है। डिप्रिशिएशन आपकी कार इंश्योरेंस क्लेम राशि को सीधे प्रभावित करता है। जितनी पुरानी कार होगी, उतना ही ज्यादा असर आपके क्लेम पर पड़ेगा। लेकिन अगर आप पहले से समझदारी से कदम उठाएं, जैसे कि जीरो डिप्रिशिएशन कवर लेना या कार की सही तरह से देखभाल करना, तो इस असर को काफी हद तक कम किया जा सकता है।