पाकिस्तानी रुपया अफगानी करंसी से भी गया गुजरा, जानें डॉलर के सामने कितनी औकात?

Published : Sep 04, 2023, 10:21 PM IST
Pakistani Rupee

सार

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बद से बदतर हो चुकी है। लंबे समय से वहां की जनता आर्थिक तंगी और महंगाई से जूझ रही है। पड़ोसी मुल्क की हालत इतनी खराब है कि अफगानी करेंसी की तुलना में भी पाकिस्तानी रुपया बहुत नीचे है। 

Pakistani Currency: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बद से बदतर हो चुकी है। लंबे समय से वहां की जनता आर्थिक तंगी और महंगाई से जूझ रही है। पाकिस्तान में पेट्रोल जहां 272 रुपए लीटर है, वहीं बिजली का बिल भी 60 रुपए यूनिट है। पड़ोसी मुल्क की हालत इतनी खराब है कि अफगानी करेंसी की तुलना में भी पाकिस्तानी रुपया कहीं नहीं ठहरता।

एशिया के इन देशों से भी कमजोर है पाकिस्तानी रुपया

पाकिस्तानी रुपए की हालत इतनी खराब है कि वो भारत ही नहीं बल्कि एशिया के कई देशों की मुद्रा से भी काफी कमजोर है। पाकिस्तानी रुपया अब नेपाल, अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश, ईराक और चीन की करेंसी से भी बेहद कमजोर है। कई छोटे देशों की करेंसी भी पाकिस्तानी रुपए के मुकाबले काफी मजबूत है।

अफगानिस्तान की मुद्रा से भी कमजोर है पाकिस्तानी रुपया

अफगानिस्तान में तालिबान का शासन होने के बाद माना जा रहा था कि वहां के आर्थिक हालात बदतर हो जाएंगे। लेकिन पाकिस्तान की तुलना में अफगानिस्तान फिर भी ठीक है। अफगानिस्तान की मुद्रा अफगानी है। फिलहाल एक अफगानी पाकिस्तान के 4.17 पाकिस्तानी रुपये के बराबर है।

जानें डॉलर के मुकाबले कहां टिकता है पाकिस्तानी रुपया?

डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपए की तुलना करें तो एक अर्श तो दूसरा फर्श पर है। फिलहाल एक अमेरिकी डॉलर (US Dollar) की कीमत पाकिस्तान के 306.63 रुपये के बराबर है। वहीं, भारत का एक रुपया पाकिस्तान के 3.70 रुपए के बराबर है।

आखिर क्यों इतनी कमजोर हुई पाकिस्तानी करेंसी?

पाकिस्तानी रुपए की कमजोरी की सबसे बड़ी वजह वहां राजनीतिक अस्थिरता है। इमरान खान की सरकार गिरने के बाद शाहबाज शरीफ सत्ता में आए। हालांकि, उन पर भी राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है।

- राजनीतिक अस्थिरता के चलते आर्थिक अनिश्चितता भी बढ़ गई है। इससे इन्वेस्टर्स पाकिस्तान में पैसा लगाने में डर रहे हैं।

- पाकिस्तान पर कर्ज का बढ़ता बोझ भी इसकी एक वजह है। पाकिस्तान के पास पहले से ही काफी कर्ज है। अब वो चीन और IMF से और कर्ज चाहता है। हालांकि IMF ने कहा है कि जब तक पाकिस्तान उसकी शर्तें पूरी नहीं करता, तब तक बेलआउट पैकेज की किस्त जारी नहीं की जाएगी।

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