ज्वाइंट होम लोन के अप्लाई करने से पहले करें ये काम, झट से मिलेगा Loan

Published : May 10, 2024, 05:27 PM ISTUpdated : May 11, 2024, 12:44 AM IST
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सार

अक्सर घर खरीदने के लिए कई लोग होम लोने लेने का रास्ता चुनते है। अगर घर का एक व्यक्ति होम लोन के लिए अप्लाई करता है, तो लोन मिलना मुश्किल होता है। ऐसे में ज्वाइंट होम लोन एक बेहतर ऑप्शन होता है। आईए जानते है ज्वाइंट लोन से जुड़ी जरूरी बातें...

बिजनेस डेस्क. हर नौकरी पेशा व्यक्ति का सपना होता है कि वह अपना खुद का घर लें। इसके लिए वह पूरी जिंदगी मेहनत करता है। लेकिन वह इतनी रकम नहीं जुटा पाता, कि एकमुश्त रकम देकर घर खरीद सकें। ऐसे में उसके पास होम लोन लेने का एक ऑप्शन बचता है। लेकिन अकेले लोन के लिए अप्लाई करें, तो लोन मिलने की उम्मीद कम होती है। अगर लोन भी मिल भी गया, तो इसे चुकाने में काफी समस्या आ जाती है। ऐसे में आप ज्वाइंट होम लोन ले सकते है। इसमें पति-पत्नी, पिता-पुत्र, माता-पुत्र या भाई-भाई लोन ले सकते है।  

आईए जानते है ज्वाइंट लोन से जुड़ी जरूरी बातें...

ज्वाइंट लोन के लिए ये है शर्त

अगर आप ज्वाइंट लोन लेने की तैयारी कर रहे है, तो हर आवेदक के पास आय का एक स्वतंत्र स्रोत होना चाहिए। सबसे जरूरी ये है कि दोनों आवेदक संपत्ति में सह-मालिक होना चाहिए, जिसके लिए लोन मांगा जा रहा है।

लोन के अप्लाई करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान

जब भी आप ज्वाइंट होम लोन के लिए अप्लाई करते है, तो ये ध्यान रखें कि दोनों आवेदकों के सभी दस्तावेज जैसे केवाईसी, इनकम सर्टिफिकेट और प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट को सही क्रम में लगाए। ऐसा न होने पर आप बार-बार परेशान हो सकते है।

दोनों आवेदकों का सिबिल स्कोर

जब भी बैंक से लोन लेने के आवेदन करते है, तो बैंक कर्मचारी आपका सिबिल स्कोर जरूर चेक करता है। ऐसे में ज्वाइंट होम लोन लेने वाले आवेदकों के पास क्रेडिट कार्ड है, तो यह आपके आवेदन को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में लोन के लिए अप्लाई करने से पहले अपना सिबिल स्कोर ठीक कर लें।

लोन की रकम जरूरत को ध्यान में रखकर तय करें

अगर आप होम लोन लेने के लिए अप्लाई कर रहे है, तो पहले ही तय कर ले कि आपको कितने रुपए की जरूरत है। इस हिसाब से लोन की रकम तय करें। इससे ये फायदा होगा कि आपको जरुरत के मुताबिक लोन भी मिलेगा। और आपको कम अमाउंट पर ब्याज की रकम ज्यादा नहीं चुकानी होगी।

रीपेमेंट की जिम्मेदारी

लोन लेने के बाद रीपेमेंट की जिम्मेदारी दोनों आवेदकों की होती है। ऐसे में दोनों आवेदकों आपसी समझ से लोन चुकाना चाहिए। ज्वाइंट अकाउंट होने से लोन की किस्त चुकाने में आसानी होती है। वहीं, बैंक ज्यादा किसी दिक्कत के लोन दे देता है।

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