आजकल कम ही लोग होंगे जिनके पास बैंक अकाउंट नहीं है। ज़्यादातर लेन-देन बैंक अकाउंट के ज़रिए ही होते हैं। लेकिन कितने लोग अपना बैंक स्टेटमेंट रेगुलर चेक करते हैं? बैंक स्टेटमेंट एक निश्चित अवधि में आपके अकाउंट में हुए सभी ट्रांज़ैक्शंस की डिटेल्ड रिपोर्ट होती है। भागदौड़ में लोग अक्सर पैसे ट्रांसफर तो कर देते हैं, लेकिन कहाँ और कैसे खर्च किया, ये याद नहीं रख पाते। अकाउंट खाली होने पर ही लोग परेशान होते हैं कि पैसा कहाँ गया। डिजिटल पेमेंट और नेट बैंकिंग के बढ़ते इस्तेमाल के साथ, बैंक स्टेटमेंट को ध्यान से चेक करना बहुत ज़रूरी हो गया है। आइए जानते हैं कि हर महीने बैंक स्टेटमेंट चेक करना क्यों ज़रूरी है।
कन्फ्यूज़न से बचें: महीने में एक बार बैंक स्टेटमेंट चेक करने से आपको अपने ट्रांज़ैक्शंस की पूरी जानकारी मिलती है। आप समझ सकते हैं कि आपके पैसे कहाँ और क्यों खर्च हुए। अगर कोई गड़बड़ी दिखे, तो उसे तुरंत पकड़कर भविष्य में होने वाले कन्फ्यूज़न से बचा जा सकता है। धोखाधड़ी से बचाव: डिजिटल ट्रांज़ैक्शंस बढ़ने के साथ ही ऑनलाइन फ्रॉड भी बढ़ गए हैं। इसलिए, अपना बैंक स्टेटमेंट नियमित रूप से चेक करना ज़रूरी है। इससे आप बिना आपकी जानकारी के हुए ट्रांज़ैक्शंस का पता लगा सकते हैं और धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
अलग-अलग ट्रांज़ैक्शंस और सर्विसेज के लिए बैंक अलग-अलग चार्ज लेते हैं। अक्सर अकाउंट होल्डर्स को इन चार्जेस की पूरी जानकारी नहीं होती। उदाहरण के लिए, कुछ बैंक डुप्लीकेट पासबुक जारी करने के लिए भी चार्ज लेते हैं। ऐसे चार्जेस के बारे में जानने के लिए हर महीने बैंक स्टेटमेंट चेक करना चाहिए। कभी-कभी बैंक गलती से बिना वजह चार्ज लगा देते हैं, जिसे आप बैंक के ध्यान में ला सकते हैं। खर्चों पर नियंत्रण: अगर आपके खर्च ज़्यादा हैं, तो नियमित रूप से बैंक स्टेटमेंट चेक करने से आप समझ सकते हैं कि आपका पैसा कहाँ जा रहा है। इससे आप फालतू खर्च कम कर सकते हैं और अपनी बचत बढ़ा सकते हैं।