Success Story: वो कंपनी जिसके 3 शेयर ने बदली बंदे की किस्मत, कैसे बना 13 लाख करोड़ का मालिक?

Published : Aug 23, 2025, 07:35 AM IST
Warren Buffet Success story idea

सार

Investors Success Story: अगर आपमें कुछ करने का जुनून हो और उस पर भाग्य का साथ मिल जाए तो इंसान क्या नहीं कर सकता। ऐसी ही कहानी है बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन वॉरेन बफे की, जिन्हें दुनिया का सबसे दिग्गज निवेशक माना जाता है। जानते हैं उनकी सक्सेस स्टोरी।

Success Story: कहावत है कि पूत के पांव पालने में ही नजर आ जाते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ उस शख्स के साथ, जिसने खेलने-खाने के उम्र से ही पैसा बनाना शुरू कर दिया। इस बंदे ने जहां पैसा कमाने में अपने दिमाग का भरपूर इस्तेमाल किया, वहीं किस्मत ने भी उसका साथ दिया। अपनी मेहनत और भाग्य के बलबूते आज ये शख्स दुनिया का 10वां सबसे अमीर शख्स है। आइए जानते हैं कैसे 3 शेयरों ने पलटकर रख दी इस बंदे की किस्मत?

ये कहानी दुनिया के सबसे बड़े इन्वेस्टर और बर्कशायर हैथवे कंपनी के मालिक वॉरेन बफे की है। उनके पिता हावर्ड बफे ने 1939 से 1942 तक ओमाहा बोर्ड ऑफ एजुकेशन में काम किया। इसके साथ ही साथ वे एक स्टॉक ब्रोकर भी थे। ऐसे में उनके बेटे वॉरेन का बचपन भी पिता के कामकाज और शेयर मार्केट को देखते हुए बीता। कम उम्र से ही वॉरेन को अपने पापा की तरह शेयर बाजार के बारे में जानने की उत्सुकता रहने लगी। ऐसे में वो स्टॉक मार्केट को समझने के लिए किताबें पढ़ने लगे।

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5 डॉलर थी वॉरेन बफे की पहली कमाई

30 अगस्त, 1930 को पैदा हुए वॉरेन बफे जब सिर्फ 12 साल के थे, तो 1942 में उन्होंने अमेरिकन पेट्रोलियम कंपनी सिटीज सर्विस प्रिफर्ड के तीन शेयर खरीदे। इन स्टॉक्स को उन्होंने कुछ महीनों तक अपने पास रखा और जब 4 महीने बाद बेचा तो इससे बफे को 5 डॉलर का फायदा हुआ। इसके बाद तो इस दिग्गज निवेशक ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 14 साल की उम्र यानी 1944 तक बफे शेयर बाजार से 200 डॉलर से ज्यादा की कमाई कर चुके थे।

35 साल की उम्र में किया बर्कशायर हैथवे का अधिग्रहण

वॉरेन बफे ने शेयर मार्केट की तमाम दिग्गज कंपनियों में निवेश करके जमकर पैसा कमाया। 35 साल की उम्र यानी 1965 में उन्होंने अपने दोस्त चार्ली मुंगेर के साथ मिलकर एक टेक्सटाइल कंपनी बर्कशायर हैथवे का अधिग्रहण किया। उस दौर में ये कंपनी काफी नुकसान में चल रही थी। इस कंपनी की स्थापना 1839 में ओलिवर चेस ने थी। इसे खरीदने के बाद वॉरेन बफे ने अपने दिमाग से इसे एक डायवर्सिफाइड होल्डिंग कंपनी में तब्दील कर दिया। इस ग्रुप में फाइनेंस, कपड़ा, एंटरटेनमेंट, रेललाइन, खाद्य और पेय, घरेलू प्रोडक्ट्स, आइसक्रीम, मीडिया, फर्नीचर, कॉस्मेटिक्स, एनर्जी और कंस्ट्रक्शन सेक्टर से जुड़ी कंपनियां शामिल हैं।

1.053 ट्रिलियन डॉलर की कंपनी बन चुकी बर्कशायर हैथवे

60 के दशक में लगभग दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुकी बर्कशायर हैथवे मार्केट कैप के लिहाज से दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी कंपनी है। फिलहाल इसका कुल मार्केट कैप 1.053 ट्रिलियन डॉलर है। कंपनी का कारोबार पूरे अमेरिका में फैला हुआ है। इसका मुख्यालय ओमाहा नेब्रास्का के ब्लैकस्टोन प्लाजा में स्थित है। 2024 के आंकड़ों के मुताबिक, इस कंपनी में 3,92,400 से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे हैं।

Birkshire Hathaway दुनिया का सबसे महंगा शेयर

वॉरेन बफे की कंपनी बर्कशायर हैथवे का शेयर आज की डेट में दुनिया का सबसे महंगा स्टॉक है। 22 अगस्त को इसके एक शेयर की कीमत 4,59,800 डॉलर थी। यानी भारतीय रुपए में इस कंपनी का एक शेयर 4 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का है। यानी जिस किसी के पास वॉरेन बफे की कंपनी का एक शेयर भी होगा, वो करोड़पति है। इस शेयर का 52-वीक हाइएस्ट लेवल 6,47,039 डॉलर यानी 5.63 करोड़ रुपए है।

कितनी संपत्ति के मालिक हैं वॉरेन बफे?

Forbes की रियलटाइम बिलियनेयर लिस्ट के मुताबिक, वॉरेन बफे फिलहाल दुनिया के 10वें सबसे अमीर शख्स हैं। उनकी कुल नेटवर्थ 146.7 अरब डॉलर (करीब 13 लाख करोड़ रुपए है) है। ये संपत्ति टाटा ग्रुप की दिग्गज कंपनी टीसीएस के कुल मार्केट कैप 11 लाख करोड़ से भी कहीं ज्यादा है। 94 साल के वॉरेन बफे के पोर्टफोलियो में BYD, न्यू होल्डिंग्स, टी-मोबाइल, वेरिसाइन, कोका कोला और एऑन जैसी कंपनियों के स्टॉक्स शामिल हैं।

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