ब्लैक रॉक के सीआईओ और इन्वेस्टमेंट गुरु रिक राइडर पहली बार भारत आए हैं। उन्होंने कहा कि भारत में विकास का जो स्तर आज देख रहा हूं वह पहले कभी नहीं देखा।
मुंबई। ब्लैक रॉक के फिक्स्ड इनकम एसेट्स के लिए सीआईओ (Chief Investment Officer) और इन्वेस्टमेंट गुरु रिक राइडर पहली बार भारत आए हैं। मुंबई में इंडिया ग्लोबल फोरम के वार्षिक निवेश शिखर सम्मेलन 'NXT10' में उन्होंने कहा कि भारत में विकास का जो स्तर आज देख रहा हूं वह पहले कभी नहीं देखा।
2.6 ट्रिलियन डॉलर के एसेट्स की देखरेख करने वाले रिक राइडर ने कहा कि आज वह भारत में जो आर्थिक वृद्धि देख रहे हैं वह पहले की तुलना में विपरीत है। उन्होंने कहा, "दुनिया इस मामले में बदल रही है कि शक्ति का संतुलन कहां है, कहां आर्थिक रूप से विकास हो रहा है और दुनिया में कहां निवेश के अवसर हैं।"
रिक राइडर ने कहा, "भारत में अर्थव्यवस्था तेजी से डिजिटल अर्थव्यवस्था में बदल रही है। इसलिए इक्विटी (निवेश) अवसर के दृष्टिकोण से मैं जिन स्थानों को देखता हूं वे भारत, जापान और अमेरिका हैं। क्योंकि टेक्नोलॉजी दुनिया को लोगों की सोच से भी तेजी से बदल रही है।"
नौकरियों के लिए नहीं हैं पर्याप्त लोग
राइडर ने भारत की जनसांख्यिकी "असाधारण" बताया। उन्होंने कहा कि राजकोषीय और मौद्रिक नीतियां अर्थव्यवस्था को अस्थायी रूप से प्रभावित कर सकती हैं। वहीं, जनसांख्यिकी और इमिग्रेशन से अर्थव्यवस्था पर लंबे समय तक रहने वाला असर पड़ता है। उन्होंने अमेरिका से भर्ती आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, "मुझे नहीं लगता कि आज दुनिया के अधिकांश हिस्सों में नौकरियों के लिए पर्याप्त लोग उपलब्ध हैं। आप अर्थव्यवस्थाओं के इस बदलाव को देख रहे हैं। आप देख रहे हैं कि इमिग्रेशन इसमें किस तरह काम करता है।"
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नौकरी पर असर डालेगा AI
AI (Artificial Intelligence) के चलते लोगों की नौकरी पर पड़ने वाले असर के बारे में राइडर ने कहा, “अभी हम नहीं जानते कि AI कैसी होने वाली है और इसका जॉब पर क्या असर होगा। कई स्टडी में बताया गया है कि AI के चलते 35 से 65% नौकरियां या तो बढ़ाई जाएंगी या समाप्त की जाएंगी। हमें नहीं पता कि अगले 3-5 साल में मुद्रास्फीति कहां होगी। आज दुनिया भर में मुद्रास्फीति की मुख्य वजह मजदूरी है। हमारे पास पर्याप्त लोग नहीं हैं। अगर आप अगले कुछ वर्षों में काम करने वाले लोगों की संख्या में एक तिहाई से आधे तक कमी करने जा रहे हैं तो इसका भारी असर मुद्रास्फीति पर पड़ेगा।”