कौन है मुकेश अंबानी का ये नया दोस्त, जिससे चीन भी खाता है खौफ; भारत की GDP का तीन गुना मैनेज करती है इनकी कंपनी

Published : Jul 27, 2023, 09:26 PM ISTUpdated : Jul 28, 2023, 10:38 AM IST
Mukesh Ambani New Friend

सार

दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी ब्लैकरॉक इंक (BlackRock Inc) एक बार फिर भारत में कमबैक कर ही है। इसके लिए ब्लैकरॉक इंक ने मुकेश अंबानी से साथ हाथ मिलाया है। ये दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी है। 

Meet Mukesh Ambani New Friend Larry Fink: दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी ब्लैकरॉक इंक (BlackRock Inc) एक बार फिर भारत में कमबैक कर ही है। इसके लिए ब्लैकरॉक इंक ने मुकेश अंबानी से साथ हाथ मिलाया है। मुकेश अंबानी की जियो फाइनेंशिल सर्विसेज (JFS) और ब्लैकरॉक ने 50:50 की हिस्सेदारी के साथ एक जॉइंट वेंचर बनाने की प्लानिंग की है। आखिर कौन हैं ब्लैकरॉक कंपनी के मालिक, आइए जानते हैं।

कौन हैं दुनिया की सबसे पावरफुल कंपनी ब्लैकरॉक के मालिक

अमेरिकी कंपनी ब्लैकरॉक इंक दुनिया की सबसे बड़ी और पावरफुल एसेट मैनेजमेंट कंपनी है। इसक फाउंडर लैरी फिंक (Larry Fink) हैं, जिन्होंने 1988 में इसकी नींव रखी। लैरी फिंक ब्लैकरॉक इंक के CEO और चेयरमैन हैं। फिंक वैसे तो पॉलिटिकल साइंस से पढ़े हैं, लेकिन उन्हें शेयर मार्केट में काफी रुचि थी, इसलिए वे इस सेक्टर में आ गए।

भारत की GDP का तीन गुना मैनेज करती है ब्लैकरॉक कंपनी

ब्लैकरॉक इंक की मजबूती का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि अप्रैल-जून 2023 की तिमाही में इसका एसेट अंडर मैनेजमेंट 9.43 ट्रिलियन डॉलर था। ये भारत की GDP का करीब तीन गुना है। इतना ही नहीं, ये अमेरिका की जीडीपी का भी लगभग आधा है।

दुनियाभर के कुल शेयर-बॉन्ड्स का 10% संभालती है कंपनी

ब्लैकरॉक इंक दुनियाभर के कुल शेयरों और बॉन्ड्स का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा संभालती है। दुनिया के हर बड़े सेक्टर की टॉप कंपनी में इसका हिस्सा है। Apple में ब्लैकरॉक की 6.5% हिस्सेदारी है। वेरिजॉन और फोर्ड में 7.25%, फेसबुक में 6.5%, वेल्स फर्गो बैंक में 7%, जेपी मोर्गन चेज में 6.5% और डॉयचे बैंक में 4.8% हिस्सेदारी है। इसके अलावा गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट इंक में भी ब्लैकरॉक की 4.48% हिस्सेदारी है।

चीन भी नहीं रोक पाया ब्लैकरॉक इंक को

ब्लैकरॉक इतनी पावरफुल कंपनी है कि चीन जैसा ताकतवर देश भी इसे अपने यहां आने से नहीं रोक पाया। 2008 की महामंदी में जब एक से बढ़कर एक बड़ी कंपनियां दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गई थीं, तब अमेरिकी सरकार ने ब्लैकरॉक की मदद ली थी। इसके बाद 2020 में कोरोना महामारी के दौरान भी ब्लैकरॉक ने ही बॉन्ड मार्केट और अमेरिकन इकोनॉमी को सहारा दिया था। बता दें कि इनमें ब्लैकरॉक इंक के अलावा Vanguard और State Street भी दुनिया की बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनियां हैं। ये तीनों मिलकर अमेरिका की जीडीपी के 70 परसेंट के बराबर एसेट मैनेज करती हैं।

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