अगर सरकार की ओर से मनोरंजन कर में किसी प्रकार की राहत मिली होती, तो इसका सीधा फायदा आम आदमी को होता।
ट्रेंडिंग डेस्क. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आम बजट पेश कर दिया है। 2024 के चुनाव से पहले मोदी सरकार के इस आखिरी बजट से हर वर्ग को खास उम्मीदें थीं, खासतौर पर एंटरटेनमेंट सेक्टर को। हालांकि, इस बजट में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है। ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि कोविड काल के बाद सरकार एंटरटेनमेंट सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को टैक्स में छूट दे सकती है।
एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को थी ये उम्मीदें
लंबे समय से एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री का एक वर्ग सिनेमाघरों की टिकटों की कीमत एक समान रखने पर जोर देता रहा है। वर्तमान में एंटरटेनमेंट टैक्स व कई वजहों से सिंगल स्क्रीन से मल्टीप्लेक्स तक एक ही फिल्म की टिकट की कीमतों में बड़ा अंतर देखने मिलता है। इससे व्यापार काफी ज्यादा प्रभावित होता है। इसी वजह से एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री सरकार से मनोरंजन कर में राहत की उम्मीद कर रही थी। अगर सरकार की ओर से मनोरंजन कर में किसी प्रकार की राहत मिली होती, तो इसका सीधा फायदा आम आदमी को होता। यानी टिकटों की कीमत कम हो जाती। इसी प्रकार नेटफ्लिक्स व एमेजॉन प्राइम जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म भी सरकार से राहत की उम्मीद कर रहे थे हालांकि, ऐसा हुआ नहीं।
हर बार एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को करते हैं नजरअंदाज
फिल्म मेकर अशोक पंडित ने बजट के बाद कहा कि कोई भी सरकार मनोरंजन उद्योग को गंभीरता से नहीं लेती। हर बार इस इंडस्ट्री को नजरअंदाज कर दिया जाता है और इस बार भी ऐसा ही हुआ। उन्होंने आगे कहा कि जब भी बजट आता है तो एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में काफी उम्मीदें जाग जाती हैं पर इसके लिए कभी कोई घोषणा नहीं होती। फिल्म मेकर ने कहा कि वे इस बात से काफी दुखी हैं।
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