चंद्रयान 3 की कामयाबी के बाद जिन कंपनियों ने इसके लिए इसरो का योगदान दिया, अब उनके कारोबार का विस्तार हो सकता है। इससे देश की प्राइवेट स्पेस कंपनियों लिए नए मौके और नए निवेश के रास्ते खुलेंगे। भारत की इकोनॉमी के लिए यह काफी पॉजिटिव हो सकता है।
बिजनेस डेस्क : चंद्रयान 3 चांद पर पहुंचकर वर्ल्ड चैंपियन बन गया है। 23 अगस्त 2023 का वह ऐतिहासिक पल दुनिया में भारत का दबदबा बढ़ाने वाला है। जिस काम को अमेरिका, चीन और रूस जैसे देश नहीं कर पाए, उसे हिंदुस्तान ने कर दिखाया। ISRO ने अपने लैंडर विक्रम को चांद की सतह पर सफलतापूर्वक उतारकर बड़ी कामयाबी हासिल की है। इस मिशन को सफल बनाने में इसरो के साथ ही 6 कंपनियों का भी अहम रोल रहा है। अब उम्मीद है कि इन कंपनियों का शेयर भी रॉकेट की तरह आसमान में उड़ सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस सफलता से इन कंपनियों में निवेश के रास्ते खुल सकते हैं। इनका कारोबार बढ़ेगा। इंडियन इकोनॉमी के लिए यह बेहद शानदार वक्त हो सकता है। इसे देश की प्राइवेट स्पेस कंपनियों लिए नए मौके और नए इनवेस्टमेंट्स के अवसर मिलेगें। आइए जानते हैं चंद्रयान को चांद तक पहुंचाने में इसरो का साथ किन-किन कंपनियों ने दिया...
लार्सन एंड टर्बो (L&T)
चंद्रयान 3 के लिए L&T की एयरोस्पेस मैनुफैक्चरिंग फैसिलिटी ने स्पेस हार्डवेयर बनाया। लॉन्च व्हीकल के सिस्टम इंटीग्रेशन में भी कंपनी का बड़ा योगदान रहा है। L&T ने अम्बिलिकल प्लेट उपलब्ध करवाए और बूस्टर सेग्मेंट्स भी तैयार किए थे।
हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स
चंद्रयान 3 की सफलता में हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स (Hindustan Aeronautics Limited) का भी अहम योगदान है। इस कंपनी ने चंद्रयान 3 के निर्माण के लिए कई जरूरी कम्पोनेंट्स नेशनल एरोस्पेस लैबोरेटरीज दिए हैं।
भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स (BHEL)
भेल ने चंद्रयान 3 को बनाने में जरूरी बैटरीज उपबल्ध करवाई थी। 2021 में कंपनी ने ऑफिशियल स्टेटमेंट में बताया था कि BHEL ने इस मून मिशन के लिए इसरो को 100 बैटरी सप्लाई कर यूनीक माइलस्टोन अचीव कर लिया है।
वालचंदनागर इंडस्ट्रीज
इसरो के चंद्रयान की सफलता में वालचंदनागर इंडस्ट्रीज (Walchandnagar Industries) का भी अहम योगदान रहा है। वालचंदनागर इंडस्ट्रीज़ ने 1993 में PSLV- D1 लॉन्च से लेकर अब तक इसरो के सभी 48 लॉन्चेस के लिए जरूरी कम्पोनेंट्स देने का काम किया है।
सेन्टम इलेक्ट्रॉनिक्स
इसरो के चंद्रयान 3 ही नहीं सेन्टम इलेक्ट्रॉनिक्स (Centum Electronics) देश के अलग-अलग स्पेस मिशंस के लिए अब तक 300 से 500 कम्पोनेंट्स उपलब्ध करवा चुकी है। भारत के अंतरिक्ष मिशन में इस कंपनी का काफी योगदान रहा है।
MTAR टेक्नोलॉजीस
चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग से पहले जब इसे तैयार किया जा रहा था तब इसरो ने इंजन और स्टेज बनाने के लिए एमटीएआर टेक्नोलॉजीस, गोदरेज और HAL से मदद ली। आज जब चांद पर चंद्रयान सफलता से उतर गया है तो इन कंपनियों के लिए नई राह खुल गई है। इनके शेयर भी बढ़ सकते हैं।
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