कभी एक टिफिन बॉक्स लेकर घर से निकला था यह शख्स, आज अकूत संपत्ति का मालिक

Published : Aug 24, 2023, 04:19 PM IST
Anil Agarwal

सार

1970 में अनिल अग्रवाल ने स्क्रैप मेटल बिजनेस स्टार्ट किया और बाद में पहली कंपनी बनाई। इससे अच्छी कमाई हुई तब उन्होंने शमशेर स्टर्लिंग केबल कंपनी को खरीदा। इस कंपनी को चलाने उन्होंने 9 अलग-अलग बिजनेस शुरू किया लेकिन सभी फेल हो गए।

बिजनेस डेस्क : बिहार की धरती से निकलकर दुनियाभर में माइनिंग और मेटल बिजनेस का साम्राज्य खड़ा करने वाले अनिल अग्रवाल वेदांता ग्रुप (Vedanta Group) के फाउंडर और चेयरमैन है। कभी कॉलेज भी न जाने वाले अनिल अग्रवाल ने वेदांता ग्रुप की स्थापना साल 1976 में की थी। आज उनकी कंपनी 1.98 लाख करोड़ की है। फोर्ब्स के अनुसार, उनके पास खुद भी अकूत संपत्ति है। बिजनेसमैन अनिल अग्रवाल की नेटवर्थ 16,400 करोड़ रुपए है। जबकि उनकी फैमिली की कुल संपत्ति 32,000 करोड़ रुपए से ज्यादा है।

15 साल में छोड़ना पड़ा था स्कूल

पटना में जन्मे और पले-बढ़े अनिल अग्रवाल की शुरुआती पढ़ाई मिलर हायर सेकंडरी स्कूल से हुई लेकिन महज 15 साल की उम्र में पिता की बिजनेस के लिए स्कूल छोड़कर पुणे और फिर मुंबई शिफ्ट हो गए। अनिल अग्रवाल के करियर की शुरुआत बतौर स्क्रैप डीलर हुई थी। आज उनका नाम देश-दुनिया के टॉप बिजनेसमैन की लिस्ट में आता है।

बिहार से खाली हाथ मुंबई आए थे अनिल अग्रवाल

वेदांता ग्रुप के मालिक अनिल अग्रवाल बिहार से जब मुंबई के लिए निकले थे तब उनकी उम्र महज 20 साल थी। उस वक्त उनके पास सिर्फ एक टिफिन बॉक्स था। उन्होंने एक बार बताया कि मुंबई आने के बाद पहली बार उन्होंने पीली टैक्सी और डबल डेकर बस देखी। यहां उन्होंने दिन-रात कड़ी मेहनत की और आज सबसे कामयाब बिजनेसमैन में शुमार हैं।

इस तरह इतना बड़ा बना वेदांता ग्रुप

1970 में अनिल अग्रवाल ने स्क्रैप मेटल बिजनेस स्टार्ट किया और बाद में अपनी पहली कंपनी बनाई। जब इससे अच्छी कमाई हुई तब उन्होंने 1976 में शमशेर स्टर्लिंग केबल कंपनी को खरीद लिया। इसके बाद इस कंपनी को चलाने के लिए उन्होंने 9 अलग-अलग बिजनेस शुरू किया हालांकि, सभी फ्लॉप हो गए और उनके हाथ असफलता लगी। 1980 में उन्होंने स्टरलाइट इंडस्ट्रीज खरीदी और 1986 में भारत सरकार ने टेलीफोन केबल बनाने के लिए प्राइवेट सेक्टर को मंजूरी दे दी। जिसका फायदा अनिल अग्रवाल को हुआ। 1990 में उन्होंने कॉपर रिफाइंड का काम शुरू किया। स्टरलाइट इंडस्ट्रीज देश की पहली प्राइवेट इंडस्ट्री थी, जो कॉपर रिफाइंड का काम किया करती थी। इस तरह अनिल अग्रवाल का कदम सफलता की ओर बढ़ता गया और आज वेदांता रिसोर्सेज के चेयरमैन की गिनती देश-दुनिया के सबसे दिग्गज कारोबारियों में होता है।

इसे भी पढ़ें

78,000 करोड़ के एंपायर की मालकिन है यह महिला, बिजनेस में टाटा-अंबानी से मुकाबला

 

 

PREV

Recommended Stories

8वां वेतन आयोग कब लागू होगा? जानें सरकार की तरफ से लेटेस्ट अपडेट
तत्काल टिकट कंफर्म नहीं हुआ? घबराएं नहीं, ऐसे करें उसी दिन बुकिंग