आंख बंदकर तो नहीं ले रहे एजुकेशन लोन, हो जाइए सावधान, समझदारी में ही भलाई

एजुकेशन लोन लेकर कई स्टूडेंट्स अपना सपना पूरा करते हैं लेकिन कुछ इसे चुकाने में गलती कर देते हैं, जिसका बुरा असर उनके फाइनेंशियल हेल्थ पर पड़ता है। एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि करियर की शुरुआत में एजुकेशन लोन को लेकर कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए।

बिजनेस डेस्क : आज बच्चों की पढ़ाई-लिखाई काफी महंगी हो गई है। महंगाई के बढ़ने से सैलरी और बाकी इनकम से बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन दिला पाना काफी मुश्किल है। ऐसे में एजुकेशन लोन (Education Loan) की डिमांड बढ़ गई है। एजुकेशन लोन से बहुत से स्टूडेंट्स देश के बड़े-बड़े संस्थानों में और विदेश जाकर अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं। लेकिन एजुकेशन लोन लेने समय कुछ बातों की सावधानियां भी रखनी चाहिए, क्योंकि इस लोन को चुकाने में जरा सी गड़बड़ी होने पर नुकसान भी हो सकता है।

फ्यूचर फाइनेंस पर बुरा प्रभाव

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एक्सपर्ट्स बताते हैं कि बाकी लोन की तरह एजुकेशन लोन को भी समय पर चुकाना पड़ता है। इसके लिए पहले से ही फाइनेंशियल प्लानिंग होनी चाहिए। अगर आप लोन नहीं चुका पाते हैं और डिफॉल्ट हो जाते हैं तो वर्तमान और भविष्य दोनों ही फाइनेंस पर बुरा असर पड़ सकता है।

एजुकेशन लोन को लेकर सावधानियां

1. फाइनेंशियल हेल्थ पर निगेटिव असर

एक बात याद कर लें कि बाकी लोन की तरह ही एजुकेशन लोन भी होता है। बस इसका रिपेमेंट शेड्यूल थोड़ा सा अलग होता है। एजुकेशन लोन लेने पर लोन रिपेमेंट करने के लिए कोर्स पूरा होने के 6 से 12 महीनों का मोरेटोरियम बैंक की तरफ से दिया जाता है। इसी समय तक ज्यादातर स्टूडेंट्स जॉब पा लेते हैं। जिससे उनके लिए लोन रिपेमेंट करना काफी आसान हो जाता है। लेकिन अगर एजुकेशन लोन डिफॉल्ट हुआ तो फाइनेंशियल हेल्थ बाकी लोन जितनी ही बिगड़ सकती है।

2. एजुकेशन लोन चुकाने में कभी न करें ये गलती

अगर आप कोई कीमती सामान जैसे जेवर, जमीन या कुछ भी गिरवी रखकर सिक्योर्ड एजुकेशन लोन ले रहे हैं तो ध्यान दें कि उसका समय पर भुगतान कर दें और उसे गलती से भी डिफॉल्ट न होने दें। वरना सिक्योरिटी पर रखे कीमत सामान से हाथ धोना पड़ सकता है। समय पर EMI न चुकाने पर आपका लोन एनपीए घोषित हो सकता है। ऐसे में बैंक सिक्योरिटी के तौर पर रखी कीमती वस्तुओं को नीलाम कर बैंक अपना पैसा वसूल कर सकते हैं।

3. बिगड़ सकता है क्रेडिट स्कोर

एजुकेशन लोन की EMI टाइमली न चुकाने पर लेंडर की तरफ से आपको नोटिस मिल सकता है। बैंक आपको डिफॉल्टर मानकर क्रेडिट ब्यूरो को इसकी जानकारी दे सकता है। लोन डिफाल्टर होने से क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है। इससे नया लोन लेने में परेशानी आ सकती है। इसलिए करियर की शुरुआत में ही लोन के रिपेमेंट में किसी तरह की गलती न करें और समय पर EMI चुकाएं।

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