2025 तक 13 अरब डॉलर पहुंच जाएगी भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था, जानें कितना फायदेमंद ये निवेश

Published : Aug 23, 2023, 01:15 PM ISTUpdated : Aug 23, 2023, 07:07 PM IST
Chandrayaan 3

सार

आंकड़े के मुताबिक, इसरो ने चंद्रयान-3 पर सिर्फ 613 करोड़ खर्च किया है। यह काफी सस्ता ऑप्शन हो सकता है। क्योंकि इसी तरह के मिशन के लिए अमेरिका और रूस ज्यादा महंगा खर्च करते हैं। यह विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षण बन सकता है।

बिजनेस डेस्क : ISRO के चंद्रयान-3 की लैंडिंग (Chandrayaan 3 Landing) पर पूरी दुनिया निगाह जमाए बैठी है। यह मिशन भविष्य में भारत और दुनिया के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है। रूस के लूना 25 के समय से पहले ही फेल होने के बाद मिशन चंद्रयान से दुनिया को काफी उम्मीदे हैं। चंद्रयान 3 में भारत ने 613 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। दुनिया के लिहाज से ये काफी सस्ता मिशन है। इसलिए सवाल उठ रहे हैं कि ये खर्च देश के लिए एक निवेश की तरह साबित होगा या सिर्फ वैज्ञानिक प्रयोग के लिए किया गया खर्च है। आखिर अंतरिक्ष में इतने निवेश से देश को क्या फायदा होगा? आइए जानते हैं...

क्या चंद्रयान 3 का खर्च सिर्फ वैज्ञानिक प्रयोग के लिए है

जब पूरी दुनिया अंतरिक्ष में जाने की सोच रही है तो ऐसे में मून मिशन की तुलना वैज्ञानिक प्रयोग या खोज से करना सही नहीं होगा। दुनिया के दूसरे देश जितनी तेजी से अंतरिक्ष की तकनीकों में निवेश कर रहे हैं, उसमें यह जरूरी था कि भारत भी अतंरिक्ष तकनीक में खुद को आगे लाए। ऐसे में चंद्रयान-3 भारत के लिए अंतरिक्ष में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

दुनिया में भारत का दबदबा

  • पृथ्वी के बाहर किसी दूसरे ग्रह या उपग्रह जैसे चंद्रमा या मंगल ग्रह पर सॉफ्ट लैंडिंग अभी तक सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन ही सफल तरीके से कर पाए हैं। ऐसे में चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग भारत को इन देशों की कतार में लाकर खड़ा कर देगा और दुनिया में हिंदुस्तान का दबदबा बढ़ जाएगा।
  • अंतरिक्ष में निवेश भारत के लिए कितना फायदेमंद
  • भारत के अंतरिक्ष उद्योग में धीरे धीरे अब निजी स्पेस तकनीक तंत्र आने लगे हैं। इससे नई पीढ़ी के नए बिजनेसमैन के लिए नए-नए अवसर सामने आ रहे हैं।
  • भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था दुनिया की तुलना में दोगुनी रफ्तार से बढ़ रही है। दो साल बाद यानी 2025 तक 13 अरब डॉलर तक और 2040 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है।
  • मौजूदा दौर में भारत में 150 से ज्यादा अंतरिक्ष तकनीक से जुड़े स्टार्टअप हैं। इनमें स्कायरूट, सैटश्योर, ध्रुवा स्पेस जैसे प्रमुख नाम हैं। ये ओटीटी, ब्रॉडबैंड, 5G, सौर फार्म के संचालन जैसे कई जरूररी काम कर रहे हैं।
  • कई निवेशक अंतरिक्ष से जुड़ी चीजों में निवेश करने को तैयार हो रहे हैं। भारतीय अंतरिक्ष उद्योग में निजी भागीदारी को भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 से प्रोत्साहन मिल रही है।
  • चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग भारत के लिए बड़ा गेमचेंजर हो सकती है। इसके बाद देश में स्पेस रिसर्च पूरी तरह बदल जाएगी। इससे देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान तो मिलेगा ही निजी उद्योग में निवेश बढ़ने के साथ नौकरियां ही नौकरियां पैदा हो सकती हैं।

ISRO Chandrayaan 3 Landing LIVE Update

 

 

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