2025 तक 13 अरब डॉलर पहुंच जाएगी भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था, जानें कितना फायदेमंद ये निवेश

आंकड़े के मुताबिक, इसरो ने चंद्रयान-3 पर सिर्फ 613 करोड़ खर्च किया है। यह काफी सस्ता ऑप्शन हो सकता है। क्योंकि इसी तरह के मिशन के लिए अमेरिका और रूस ज्यादा महंगा खर्च करते हैं। यह विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षण बन सकता है।

बिजनेस डेस्क : ISRO के चंद्रयान-3 की लैंडिंग (Chandrayaan 3 Landing) पर पूरी दुनिया निगाह जमाए बैठी है। यह मिशन भविष्य में भारत और दुनिया के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है। रूस के लूना 25 के समय से पहले ही फेल होने के बाद मिशन चंद्रयान से दुनिया को काफी उम्मीदे हैं। चंद्रयान 3 में भारत ने 613 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। दुनिया के लिहाज से ये काफी सस्ता मिशन है। इसलिए सवाल उठ रहे हैं कि ये खर्च देश के लिए एक निवेश की तरह साबित होगा या सिर्फ वैज्ञानिक प्रयोग के लिए किया गया खर्च है। आखिर अंतरिक्ष में इतने निवेश से देश को क्या फायदा होगा? आइए जानते हैं...

क्या चंद्रयान 3 का खर्च सिर्फ वैज्ञानिक प्रयोग के लिए है

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जब पूरी दुनिया अंतरिक्ष में जाने की सोच रही है तो ऐसे में मून मिशन की तुलना वैज्ञानिक प्रयोग या खोज से करना सही नहीं होगा। दुनिया के दूसरे देश जितनी तेजी से अंतरिक्ष की तकनीकों में निवेश कर रहे हैं, उसमें यह जरूरी था कि भारत भी अतंरिक्ष तकनीक में खुद को आगे लाए। ऐसे में चंद्रयान-3 भारत के लिए अंतरिक्ष में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

दुनिया में भारत का दबदबा

ISRO Chandrayaan 3 Landing LIVE Update

 

 

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