जेप्टो ऑनलाइन ग्रॉसरी डिलीवरी का काम करती है। Zepto ने पिछले साल मई में 200 मिलियन डॉलर जुटाए थे। तब स्टार्टअप ने 900 मिलियन डॉलर के वैल्यूएशन पर यह फंडिंग हासिल की थी।
बिजनेस डेस्क : आखिरकार 11 महीने के इंतजार के बाद भारत को इस साल 2023 का पहला यूनिकॉर्न (Unicorn) मिल गया है। क्विक कॉमर्स स्टार्टअप जेप्टो (Zepto) ने 200 करोड़ डॉलर यानी करीब 1,650 करोड़ रुपए जुटाकर यूनिकॉर्न क्लब में एंट्री मार ली है। अदित पालिचा और कैवल्य वोहरा (Adit Palicha and Kaivalya Vohra) की कंपनी जेप्टो ने सीरीज ई राउंड में ये फंड जुटाया है। जेप्टो की ये उपलब्धि इसलिए भी खास है, क्योंकि ये फंड मंदी के दौर में जुटाया गया है। आइए जानते हैं कौन हैं अदित पालिचा और कैवल्य वोहरा, जिनके स्टार्टअप ने इतनी बड़ी अचीवमेंट हासिल की है।
यूनिकॉर्न स्टार्टअप क्या होता है
इससे पहले Zepto ने पिछले साल मई में 200 मिलियन डॉलर जुटाए थे। तब स्टार्टअप ने 900 मिलियन डॉलर के वैल्यूएशन पर यह फंडिंग हासिल की थी। ऐसे स्टार्टअप जिनकी वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर यानी करीब 8,200 करोड़ रुपए से ज्यादा होती है, उन्हें यूनिकॉर्न स्टार्टअप (Unicorn Startup) कहा जाता है।
Zepto क्या काम करती है और इसकी नेटवर्थ कितनी है
जेप्टो ऑनलाइन ग्रॉसरी डिलीवरी का काम करती है। इसका दावा है कि 10 मिनट के अंदर ही किराना का सामान डिलीवर कर देती है। 200 मिलियन डॉलर यानी 16,528,330,800 रुपए जुटाने के बाद अब कंपनी का वैल्यूएशन 1.4 अरब डॉलर पहुंच गया है।
Zepto के फाउंडर कौन हैं
साल 2021 में जेप्टो की स्थापना स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट आदित पालीचा और कैवल्य वोहरा ने की। उनकी प्लानिंग है कि अगले 2 से 3 साल में उनकी कंपनी शेयर मार्केट में भी लिस्ट हो जाए। देशभर में जेप्टो वितरण केंद्रों के नेटवर्क के जरिए 10 मिनट में 6,000 से ज्यादा किराना सामान की डिलीवरी करता है। इस मॉडल को क्विक कॉमर्स के तौरर पर जाना जाता है।
कौन हैं आदित पालिचा और वैकल्प वोहरा
साल 2001 में मुंबई में पैदा आदित पालिचा ने सिर्फ 17 साल की उम्र में अपना बिजनस शुरू कर दिया था। उन्होंने कंप्यूटर इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है। यूएस स्टैनफोर्ड से पढ़ाई करने गए थे लेकिन स्टार्टअप की जिद के कारण बीच में ही पढ़ाई छोड़। इसके बाद उन्होंने गोपूल नाम से एक स्टार्टअप शुरू कर दिया और एआई बेस्ड प्रोजेक्ट प्रिवासी भी बनाया। अप्रैल 2021 में आदित ने अपने दोस्त कैवल्य वोहरा के साथ मिलकर ग्रॉसरी डिलीवरी के लिए वेब प्लेटफॉर्म जेप्टो बनयाा और एक महीने बाद ही उनके स्टार्टअप की वैल्यूएशन 200 मिलियन डॉलर पहुंच गया। कैवल्य वोहरा भी स्टैनफोर्ड से ड्रॉपआउट हैं। वे दुबई में पले-बढ़े हैं। उनकी नेटवर्थ 1000 करोड़ रुपए है। वह भारत में यूनिकॉर्न के सबसे कम उम्र के को-फाउंडर हैं।
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