हमारे देश में जमीन या मकान या किसी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कानूनी प्रक्रिया है। इसी के आधार पर उसे खरीदा और बेचा जाता है। हालांकि, कई बार कुछ शातिर लोग जमीन खरीदने वाले की कम समझ का फायदा उठाकर नकली रजिस्ट्री करवा देते हैं, इसलिए सावधान रहना चाहिए।
बिजनेस डेस्क : आजकल जमीन, मकान या फ्लैट में इंवेस्टमेंट तेजी से हो रहा है। एक्सपर्ट इस निवेश को सबसे बेहतर बता रहे हैं। हालांकि, प्रॉपर्टी खरीदने के दौरान कई तरह के फर्जीवाड़े भी सामने आ रहे हैं। जमीन रजिस्ट्री से जुड़े घोटाले ही आए दिन सामने आ जाते हैं। ऐसे में प्रॉपर्टी खरीदते समय सावधान रहना चाहिए और कुछ बातों का ध्यान भी रखना चाहिए ताकि कोई शातिर बदमाश उसी जमीन की दोहरी रजिस्ट्री करवाकर ठगी न कर लें। इसके लिए आपको असली और नकली रजिस्ट्री के बीच फर्क समझ आना चाहिए। आइए जानते हैं असली और नकली रजिस्ट्री का पता लगाने का आसान तरीका...
इस तरह पता लगाएं रजिस्ट्री असली है या नकली
जमीन की रजिस्ट्री कराते समय इन बातों का रखें ध्यान
कई बार ऐसा भी होता है कि वसीयत या डबल रजिस्ट्री का केस कोर्ट में चलता रहता है। इसलिए जब भी कोई जमीन खरीदने जाएं तो पहले ही पता लगा लें कि कहीं उस पर कोई केस तो नहीं चल रहा यानी केस पेंडिंग तो नहीं है। इसके साथ ही चकबंदी के अभिलेख 41 और 45 भी जरूर देखें। क्योंकि यह जमीन का सबसे महत्वपूर्ण अभिलेख होता है और इसी से पता चल जाता है कि वह जमीन किस कैटेगरी में आती है। कहीं ऐसा तो नहीं की सरकारी जमीन नहीं है या गलती से बेचने वाले के नाम तो नहीं आ गई है। चकबंदी के अभिलेख 41 और 45 से जमीन की वास्तविक स्थिति का पता चल जाता है कि जमीन किसकी है?
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