यूनियन बैंक ऑफ स्विट्जरलैंड की ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट 2023 के मुताबिक, भारत में साल 2000 के बाद हर वयस्क की औसत संपत्ति 8.7% सालाना के दर से बढ़ी है। पाकिस्तान, नेपाल जैसे देशों का हाल बेहाल है।
बिजनेस डेस्क : हाल ही में आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दुनिया में किसी और देश के मुकाबले भारतीय तेजी से अमीर हो रहे हैं। पिछले दो दशकों में भारत को लोगों की संपत्ति में काफी इजाफा हुआ है। यूनियन बैंक ऑफ स्विट्जरलैंड (UBS) की ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट 2023 (Global Wealth Report 2023) के मुताबिक, भारत के युवाओं के पास औसत 14 लाख की संपत्ति है। हालांकि, यह आंकड़ा ग्लोबल एवरेज से पांच गुना कम है। ग्लोबल औसत संपत्ति 84,718 डॉलर यानी करीब 70 लाख रुपए है। रिपोर्ट बताती है कि भारत में साल 2000 के बाद हर वयस्क की औसत संपत्ति 8.7% सालाना के दर से बढ़ी है।
दुनिया में तेजी से बढ़ रही भारतीयों की संपत्ति
ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट 2023 में बताया गया है कि भारतीय युवाओं की संपत्ति जिस तेजी से बढ़ रही है वो ग्लोबल एवरेज से दोगुना है। भारतीयों की प्रॉपर्टी 8.7 प्रतिशत और ग्लोबल एवरेज 4.6 फीसदी की है।
भारत में कुल कितने अरबपति हैं
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल 2022 तक भारत में अरबपतियों की कुल संख्या 8.49 लाख थी। इनमें 5,480 अरबपति ऐसे हैं, जिनकी नेटवर्थ 10 करोड़ डॉलर से ज्यादा है। रिपोर्ट में ये बात भी कही गई है कि पिछले कुछ सालों में भारतीयों की कमाई और संपत्ति तो बढ़ी है लेकिन आर्थिक असमानता में भी बढ़ोतरी हुई है। जहां साल 2000 में आर्थिक असमानता की दर 74.6 थी, वहीं 2022 में ये बढ़कर 82.5 तक पहुंच गई।
पाकिस्तान से तीन गुना ज्यादा अमीर भारतीय युवा
ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट 2023 के मुताबिक, संपत्ती के मामले में पाकिस्तान, नेपाल और म्यांमार जैसे देशों का हाल काफी बुरा है। पाकिस्तान और नेपाल में हर युवा के पास करीब 4 लाख रुपए की प्रॉपर्टी है, जो भारत से तीन गुना कम है। वहीं, म्यांमार में युवाओं की संपत्ति 6 लाख और बांग्लादेश में 8 लाख है।
दोगुनी हो जाएगी अरबपतियों की संख्या
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2022 में भारत की जीडीपी 6.8% दर से बढ़ी और चीन की 3% दर से। इस पर कोरोना महामारी और लॉकडाउन का असर रहा। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि चार साल बाद यानी 2027 तक भारत और चीन दोनों देशों में अरबपतियों की संख्या दोगुना हो जाएगी। चीन में अरबपतियों की संख्या 1.31 करोड़ और भारत में 14.36 लाख हो सकती है।
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