केंद्र सरकार ने बुधवार को आईटी हार्डवेयर के लिए कुल 17,000 करोड़ रुपए के बजटीय खर्च के साथ उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना यानी (Production Linked Incentive Scheme 2.0) को मंजूरी दे दी।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को आईटी हार्डवेयर के लिए कुल 17,000 करोड़ रुपए के बजटीय खर्च के साथ उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना यानी (Production Linked Incentive Scheme 2.0) को मंजूरी दे दी। पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को इस पर फैसला लिया। इस स्कीम की अवधि 6 साल की है। बता दें कि आईटी हार्डवेयर में मेक इन इंडिया (Make in india) को बूस्ट देने के लिए यह बड़ा कदम साबित होगा।
75 हजार लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद
आईटी हार्डवेयर पीएलआई योजना 2.0 के तहत लैपटॉप, टैबलेट, सभी उपकरणों से लैस पर्सनल कम्प्यूटर (ऑल इन वन पीसी) सर्वर और अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर डिवाइस शामिल हैं। इस योजना के तहत 3.35 लाख करोड़ रुपए का प्रोडक्शन और 2,430 करोड़ रुपए का निवेश होने का अनुमान है। वहीं, इस स्कीम से सीधे तौर पर 75000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
फरवरी, 2021 में लॉन्च हुई थी PLI स्कीम
बता दें कि सरकार ने फरवरी, 2021 में 7,350 करोड़ रुपए के खर्च के साथ आईटी हार्डवेयर के लिये पहली PLI योजना को मंजूरी दी थी। इसमें लैपटॉप, टैबलेट, सभी उपकरणों से युक्त पर्सनल कम्प्यूटर और सर्वर शामिल हैं। आईटी हार्डवेयर के लिए PLI 2.0 न्यू इंडिया के 300 बिलियन डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण मिशन के लिए उत्प्रेरक का काम करेगा, जो भारत की ट्रिलियन डॉलर डिजिटल इकोनॉमी लक्ष्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
पीएम मोदी की दूरदर्शी योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी PLI पॉलिसी ने भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को उत्प्रेरित करने का काम किया है। इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए ग्लोबल सप्लाई और वैल्यू चेन्स को बदलने और विस्तार करने में भारत को एक सीरियस प्लेयर के तौर पर भी लॉन्च किया है। स्मार्टफोन निर्माण के लिए तेजी से बढ़ते और दुनिया के दूसरे सबसे बड़े और भरोसेमंद आधार में सफलता हासिल करने के बाद, अब भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स इको-सिस्टम को व्यापक और गहरा बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
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