चाय की टपरी से 'चाय सेठ' तक...अर्पित के स्टार्टअप का टर्नओवर पहुंचा करोड़ों के पार

चाय की चुस्कियां और गपशप हर आम से लेकर खास लोगों का तक की रोजमर्रा की लाइफ से जुड़ा है। चाय की दुकानों पर अक्सर आपको कुछ लोग चुस्कियां लेते और बातचीत करते मिल जाएंगे।

Chai Seth Startup. आपने चाय का बिजनेस करने वालों के बारे में बहुत सुना होगा। कोई एमबीएस चाय वाला है तो कोई बीटेक चाय वाला लेकिन अब इस लिस्ट में चाय सेठ का नाम भी जुड़ गया है। जी हां मूलरूप से बिहार के रहने वाले अर्पित राज ने कारपोरेट की नौकरी छोड़कर चाय का स्टार्टअप शुरू किया और अब वे चाय सेठ के नाम से पहचान बना चुके हैं क्योंकि चाय सेठ ब्रांड बन चुका है। इसके देशभर में 47 आउटलेट खुल चुके हैं और लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है।

चाय की टपरी से चाय सेठ तक का सफर

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बिहार के रहने वाले अर्पित बताते हैं कि साल 2015 में उन्होंने मेघालय में चाय की एक छोटी सी दुकान खोली। उस वक्त वे बीबीए की पढ़ाई कर रहे थे। दिनभर की पढ़ाई के बाद उन्हें रात में ही घूमने का मौका मिलता था। शिलांग का मौसम काफी ठंडा होता है, जिसकी वजह से वहां पर चाय की डिमांड कुछ ज्यादा ही होती है। इसी चाय पीने की तलब ने अर्पित को चाय की दुकान खोलने का आइडिया दिया। तब उस दुकान का नाम चाय की टपरी रखा। वहां से हुई शुरूआत अब चाय सेठ स्टार्टअप बन चुका है, जिसके देशभर में 47 आउटलेट खुल चुके हैं।

चाय की टपरी 3 साल तक चली

अर्पित बताते हैं कि शिलांग में चाय की उस दुकान से उन्हें अच्छी खासी अर्निंग होने लगी थी। अंकुश और उनके 5 दोस्त मिलकर चाय की टपरी चलाते थे। 2018 में ग्रेजुएशन पूरा हुआ तो कुछ स्थानीय लोगों ने दुकान बंद के लिए दबाव डाला। दरअसल, नार्थ इस्ट का कानून है कि वहां कोई भी कारोबार करने के लिए लोकल लोगों को पार्टनर बनाना पड़ता है। यह दुकान जरूर बंद हो गई लेकिन इससे अर्पित इतना तजुर्बा मिल चुका था कि वे कोई बड़ा स्टार्टअप शुरू कर सकें।

फिर दोबारा दिल्ली में हुई शुरूआत

शिलांग में दुकान बंद करने के अर्पित दिल्ली आ गए और नौकरी करनी शुरू कर दी। लेकिन जॉब में उनका मन बिल्कुल भी नहीं लगा और उन्होंने 2019 में नौकरी छोड़ दी। फिर उन्होंने दो दोस्तों प्रतीक और प्रेम के साथ मिलकर चाय का स्टार्टअप शुरू कर दिया। तीनों अच्छी खासी जॉब कर रहे थे लेकिन उन्होंने मिलकर एक जगह खरीदी और चाय की दुकान शुरू कर दी। कोविड के दौरान उनको नुकसान हुआ क्योंकि लॉकडाउन की वजह से लोगों का आना-जाना कम हो गया।

300 आउटलेट खोलन का सपना

जैसे-जैसे कोविड महामारी का असर खत्म होने लगा अर्पित का चाय सेठ का स्टार्टअप रंग पकड़ने लगा और उनके आउटलेट पर लोग आने लगे। बाद में इन्होंने करीब 20 तरह की चाय बनाना शुरू कर दिया और कुछ स्नैक्स भी साथ में जोड़ दिए। बाद में फास्ट फूड, बिस्किट और स्नैक्स के साथ चाय का यह अड्डा लोगों की पसंद बन गया। अर्पित कहते हैं कि उन्हें देश भर में कम से कम 300 आउटलेट खोलने हैं। कंपनी का मौजूदा टर्नओवर 3.5 करोड़ रुपए के पास पहुंच गया है और यह बढ़ता ही जा रहा है।

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