बिना उधार या कर्ज़ लिए ज़िंदगी चलाना हमेशा आसान नहीं होता। लेकिन कर्ज़ लेना सिर्फ़ एक अस्थायी समाधान है। कर्ज़ लेने से पहले अपनी आमदनी और वापस चुकाने की क्षमता को ध्यान में रखना ज़रूरी है। वरना, ब्याज पर ब्याज चुकाते-चुकाते आपकी सारी जमा पूँजी भी ख़त्म हो सकती है। सही आर्थिक योजना और अनुशासन की कमी ही ज्यादातर लोगों के कर्ज़ में डूबने का कारण बनती है। आइए, कुछ ऐसे तरीक़े जानें जिनसे आप आसानी से अपने कर्ज़ से छुटकारा पा सकते हैं।
कर्ज़ से निपटने का पहला क़दम है एक पूरा बजट बनाना। अपनी सारी आमदनी के स्रोतों को शामिल करें और अपने ख़र्चों का सही-सही हिसाब लगाएँ। जिन ख़र्चों को कम किया जा सकता है, उन्हें कम करें और कर्ज़ चुकाने के लिए ज़्यादा पैसे अलग रखें। एक अच्छा बजट आपको अपनी आर्थिक स्थिति समझने और कर्ज़ चुकाने को प्राथमिकता देने में मदद करेगा।
कर्ज़ चुकाने के दो लोकप्रिय तरीक़े हैं: स्नोबॉल और एवलांच। स्नोबॉल तरीक़े में, आप सबसे पहले सबसे छोटा कर्ज़ चुकाते हैं। जबकि एवलांच तरीक़े में, आप सबसे ज़्यादा ब्याज वाले कर्ज़ को पहले चुकाते हैं। एवलांच तरीक़े से लंबी अवधि में ज़्यादा पैसे बचने की संभावना होती है। अपनी आर्थिक स्थिति और प्राथमिकताओं के हिसाब से सही तरीक़ा चुनें।
कई कर्ज़ों को मिलाकर कम ब्याज दर पर एक ही कर्ज़ में बदलने को कर्ज़ समेकन कहते हैं। इससे कर्ज़ चुकाने का प्रबंधन आसान हो जाता है और आर्थिक बोझ कम होता है।
ज़्यादा आमदनी से कर्ज़ चुकाना आसान हो जाता है। इसके लिए आप पार्ट-टाइम नौकरी, फ्रीलांसिंग, या कोई छोटा-मोटा व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। अतिरिक्त आमदनी का इस्तेमाल कर्ज़ चुकाने में करें।
अचानक आने वाले ख़र्चों के लिए एक आपातकालीन निधि बनाना ज़रूरी है ताकि आपको दोबारा कर्ज़ न लेना पड़े। नौकरी छूटना या प्राकृतिक आपदा जैसी अनहोनी घटनाओं में यह निधि आपके काम आ सकती है। इससे आप बिना कर्ज़ या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किए ज़रूरी ख़र्चों का प्रबंधन कर सकते हैं।