EPFO Pension Schemes: क्या आप जानते हैं कि रिटायरमेंट से पहले भी EPFO पेंशन का फायदा लिया जा सकता है। आप चाहें तो अर्ली पेंशन ले सकते हैं। इसके अलावा 7 अलग-अलग कंडीशन में भी पीएफ का पेंशन मिलता है। जिसे बहुत कम लोग ही जानते हैं। यहां जानिए डिटेल्स...
रिटायरमेंट पेंशन सबसे आम पेंशन होता है। जैसे ही आप 58 साल के होते हैं, आपके PF और EPS में जमा राशि के आधार पर यह पेंशन शुरू होती है। अगर आप चाहें तो इसे 60 साल तक स्थगित कर सकते हैं और EPFO हर साल आपकी पेंशन में 4% की वृद्धि करता है। यह उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो रिटायरमेंट के बाद भी कुछ साल काम करना चाहते हैं और बाद में ज्यादा पेंशन पाना चाहते हैं।
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जल्दी पेंशन लेने का ऑप्शन
कई लोग अर्ली पेंशन की बात नहीं जानते है। EPFO ने यह सुविधा भी दी है कि 50 साल की उम्र के बाद अगर आप चाहें तो पेंशन लेना शुरू कर सकते हैं। हालांकि, इसमें पेंशन की राशि हर साल 4% की कटौती के साथ कम होती है। जैसे, अगर 58 साल पर आपको 7 हजार रुपए पेंशन मिलती है, तो 57 साल पर यह घटकर 6,720 रुपए हो जाएगी। ऐसे ही एक-एक साल कम होने पर कम होती रहेगी।
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नॉमिनी पेंशन
अगर किसी EPFO मेंबर का कोई लाइफ पार्टनर या बच्चा नहीं है, तो नॉमिनी पेंशन उस व्यक्ति को मिलती है जिसे सब्सक्राइबर ने नॉमिनी बनाया होता है। यह सुविधा आपको यह सुनिश्चित करने की आजादी देती है कि आपकी गैरमौजूदगी में कोई भरोसेमंद व्यक्ति आर्थिक मदद पा सके।
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माता-पिता के लिए पेंशन
आश्रित माता-पिता पेंशन उन सिंगल सब्सक्राइबर के लिए है, जिनकी मृत्यु हो जाती है और जिनके बच्चे या जीवनसाथी नहीं होते। इस स्थिति में उनके माता-पिता पेंशन के हकदार माने जाते हैं। अगर पिता की मृत्यु हो जाए तो मां को यह पेंशन पूरी उम्र मिलती रहती है। इसके लिए फॉर्म 10D भरना अनिवार्य है।
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परिवार की सुरक्षा: विधवा या बाल पेंशन
EPFO सिर्फ सब्सक्राइबर के लिए ही नहीं, बल्कि परिवार के लिए भी सुरक्षा देता है। विधवा और बाल पेंशन इसका एक उदाहरण है। अगर किसी सब्सक्राइबर की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी पत्नी और 25 साल से कम उम्र के दो बच्चे पेंशन के हकदार होते हैं। तीसरे बच्चे को तब तक पेंशन मिलती है जब पहले बच्चे की पेंशन समाप्त हो जाए। खास बात यह है कि इसमें 10 साल का योगदान नियम लागू नहीं होता। मतलब, अगर किसी सब्सक्राइबर ने सिर्फ एक साल भी योगदान किया है और उसकी मृत्यु हो जाती है, तो पत्नी और बच्चे पेंशन पाने के हकदार होंगे।
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विकलांग पेंशन
विकलांग पेंशन उन सदस्यों के लिए है जो किसी एक्सीडेंट या बीमारी के कारण अस्थायी या स्थायी रूप से विकलांग हो जाते हैं। इसके लिए उम्र और 10 साल का योगदान शर्त नहीं होती। अगर किसी ने सिर्फ दो साल EPS में योगदान किया है और वह विकलांग हो जाता है, तो वह इस पेंशन का हकदार है। यह उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में मदद करती है।
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अनाथ पेंशन
अनाथ पेंशन उन बच्चों के लिए है जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गई हो। इस पेंशन के तहत 25 साल से कम उम्र के बच्चे आर्थिक मदद पाते हैं, जिससे उनकी पढ़ाई और लाइफ में मुश्किल समय में मदद मिलती है।