₹15000 से ज्यादा कमाने वालों के लिए खुशखबरी, EPFO करने जा रहा बड़ा बदलाव

Published : Nov 20, 2025, 07:42 PM IST
epfo salary limit hike

सार

EPFO Reform: सरकार ईपीएफओ में बड़ा सुधार करने की तैयारी में है। 15,000 रुपए की मंथली सैलरी लिमिट को बढ़ाकर 25,000 रुपए किया जा सकता है। इससे ज्यादा कर्मचारी EPF और पेंशन में शामिल होंगे, उनकी रिटायरमेंट बचत बढ़ेगी। 

EPFO Wage Ceiling Hike: एम्प्लॉइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) अपने सदस्यों के लिए बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। खबर है कि सरकार EPF (Employee Provident Fund) और EPS (Employee Pension Scheme) के लिए मंथली सैलरी लिमिट (Wage Ceiling) बढ़ा सकती है। फिलहाल यह लिमिट 15,000 रुपए महीना है और इसे बढ़ाकर 25,000 रुपए किए जाने पर विचार चल रहा है। आइए समझते हैं कि इसका आपके टेक होम सैलरी और पेंशन पर क्या असर होगा...

EPF में 15,000 रुपए की सीमा क्यों बदल रही है?

DFS (Department of Financial Services) के सचिव एम नागराजू (M Nagaraju) ने मुंबई में कहा कि मौजूदा सीमा के कारण कई ऐसे कर्मचारी, जो 15,000 रुपए से ज्यादा कमाते हैं, अभी भी किसी पेंशन योजना में शामिल नहीं हैं। यह बहुत खराब स्थिति है, क्योंकि ये लोग अपनी वृद्धावस्था में बच्चों पर निर्भर हो जाते हैं। EPF में सिर्फ वही कर्मचारी शामिल होते हैं, जिनकी बेसिक सैलरी 15,000 रुपए तक होती है। इससे ज्यादा कमाने वाले कर्मचारी ऑप्शनल रहते हैं और उनके नियोक्ता (Employer) को उन्हें रजिस्टर करना अनिवार्य नहीं होता। इससे विशेषकर शहरों में पेंशन कवरेज की कमी दिखाई देती है।

EPFO का प्रस्ताव क्या है?

कई रिपोर्ट्स के अनुसार, EPFO यह सीमा बढ़ाकर 25,000 रुपए करने पर विचार कर रहा है। अगले साल की शुरुआत में EPFO के CBT (Central Board of Trustees) की बैठक में यह प्रस्ताव रखा जा सकता है। एक इंटरनल स्टडी के मुताबिक, 10,000 रुपए की बढ़ोतरी से 1 करोड़ से ज्यादा नए कर्मचारी अनिवार्य EPF और EPS कवरेज में शामिल हो सकते हैं।

सरकार क्यों कर रही है ये बदलाव?

यह कदम भारत के सोशल सेक्योरिटी नेटवर्क को मजबूत करने की दिशा में है। अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) के तहत अब 8.3 करोड़ लोग जुड़ चुके हैं, जिसमें लगभग आधी महिलाएं हैं। भारत में अब भी दो-तिहाई लोग जीवन बीमा नहीं कराते हैं। युवा कमाने वाले लोग 30 साल बाद रिटायरमेंट के लिए पर्याप्त बचत नहीं कर पाएंगे। इसलिए EPF सीमा बढ़ाने से ज्यादा कर्मचारियों को लॉन्ग टर्म की रिटायरमेंट बचत में शामिल किया जा सकेगा।

आज EPF योगदान कैसे काम करता है?

कर्मचारी का 12% सैलरी EPF में जाता है। नियोक्ता यानी कंपनी का 12% योगदान होता है। जिसमें 8.33% EPS यानी पेंशन और 3.67% EPF में जाता है। अगर लिमिट बढ़ती है, तो दोनों EPF और EPS में योगदान बढ़ेगा। इसका मतलब बड़ी रिटायरमेंट बचत और ज्यादा पेंशन का लाभ मिल सकेगा।

नई लिमिट का असर आपकी सैलरी और पेंशन पर कितना होगा?

  • अगर आप 15,000-25,000 रुपए कमाते हैं तो अब आप ऑटोमेटिक EPF और EPS में शामिल होंगे। इससे मासिक बचत अनिवार्य, 10 साल की सर्विस के बाद आजीवन पेंशन मिलेगा और EPF में ज्यादा ब्याज जमा होगा।
  • अगर आप 25,000 रुपए से ज्यादा कमाते हैं तो अभी भी शामिल होना ऑप्शनल रहेगा। नियोक्ता चाहें तो आपसे अधिक कर्मचारियों को EPF लाभ दे सकते हैं।
  • अगर आप पहले से EPF सदस्य हैं तो आपके योगदान बढ़ सकते हैं, जिससे EPF कॉर्पस बढ़ेगा, EPS (पेंशन) लाभ बढ़ेंगे, नियोक्ता का योगदान बढ़ेगा और टैक्स-फ्री लंबी अवधि की बचत में इजाफा होगा।
  • अगर आप नियोक्ता हैं तो कर्मचारी पर खर्च बढ़ेगा, लेकिन यह कर्मचारी कल्याण और लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल मजबूती देगा।

EPF में ये बदलाव क्यों जरूरी है?

भारत में पेंशन कवरेज अभी भी दुनिया के बाकी देशों की तुलना में कम है। उम्र बढ़ने, लिविंग कॉस्ट और कम निजी बचत को देखते हुए कर्मचारियों को स्ट्रक्चर्ड, लॉन्ग टर्म की रिटायरमेंट प्लानिंग की जरूरत है। EPFO आज 26 लाख करोड़ रुपए के बड़े कॉर्पस को मैनेज करता है, जिसमें 7.6 करोड़ सक्रिय सदस्य हैं। सीमा बढ़ाने से योगदान बढ़ेंगे और पेंशन इकोसिस्टम मजबूत होगा।

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