कैश से डिजिटल तक...भारत में कैसा रहा मोबाइल पेमेंट का सफर, 2028 तक 531.8 ट्रिलियन के आंकड़े को पार कर जाएगा ट्रांजेक्शन

भारत में मोबाइल से भुगतान को लेकर लोगों में काफी जागरुकता आई है। ग्लोबल डेटा के मुताबिक, ये सफर यूं ही चलता रहा तो 2028 तक भारत में मोबाइल वॉलेट के माध्यम से भुगतान 531.8 ट्रिलियन रुपये के आंकड़े को पार कर सकता है।

Ganesh Mishra | Published : Jun 25, 2024 4:20 PM IST

Growth Journey of Mobile Payments in India: भारत डिजिटल क्रांति के दौर से गुजर रहा है। इस बदलाव के केंद्र में सबसे ज्यादा फोकस मोबाइल पेमेंट ग्रोथ में होने वाली बढ़ोतरी है। ये तकनीकी बदलाव न सिर्फ आर्थिक परिदृश्य को नया आकार दे रहा है, बल्कि वित्तीय समावेशन में पैदा हुए अंतराल को भी पाट रहा है। इसके साथ ही भविष्य के लिए एक ऐसा मंच तैयार कर रहा है, जहां डिजिटल लेनदेन एक आदर्श बन जाएगा। ये बात JNU के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट की रिसर्च स्कॉलर आरती और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. वानिकी जे लोहानी की स्टडी में सामने आई है।

2028 तक मोबाइल वॉलेट से होगा 531.8 ट्रिलियन रुपये का भुगतान
भारत में मोबाइल पेमेंट का सफर नवाचार, अनुकूलन और तीव्र विकास की कहानी है, जो समाज और अर्थव्यवस्था में व्यापक बदलावों को दिखाती है। भारत में मोबाइल पेमेंट को अपनाना किसी उल्लेखनीय उपलब्ध से कम नहीं है। ग्लोबल डेटा के मुताबिक, 2028 तक भारत में मोबाइल वॉलेट के माध्यम से भुगतान 531.8 ट्रिलियन रुपये के आंकड़े को पार करने का अनुमान है। वहीं, 2024 से 2028 के बीच ये 18.3% के चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ेगा। मोबाइल पेमेंट में ये बढ़ोतरी डिजिटल भुगतान की बढ़ती जरूरत को बताती है। भारत का डिजिटल पेमेंट ईकोसिस्टम काफी डायवर्स है, जिसमें कई प्रमुख खिलाड़ी इसके विकास में योगदान दे रहे हैं। प्रमुख मोबाइल पेमेंट ऐप्स में Paytm, PhonePe, Google Pay और Amazon Pay शामिल हैं। इनमें हर एक के पास महत्वपूर्ण बाजार हिस्सेदारी है। ये प्लेटफ़ॉर्म मोबाइल रिचार्ज और बिल भुगतान से लेकर ई-कॉमर्स ट्रांजेक्शंस तक कई तरह की सर्विस प्रोवाइड कराते हैं।

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स्मार्टफोन के आने और इंटरनेट की बढ़ती पहुंच से शुरू हुआ मोबाइल पेमेंट का सफर
भारत में मोबाइल पेमेंट की कहानी स्मार्टफोन के आने और इंटरनेट की बढ़ती पहुंच के साथ शुरू होती है। जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी आसान होती गई, वैसे-वैसे डिजिटल लेनदेन को सक्षम करने वाले प्लेटफ़ॉर्म भी बढ़ते गए। शुरुआत में इसे टेक-सेवी शहरी लोगों ने अपनाया, लेकिन समय के साथ ये धीरे-धीरे दूर-दराज के इलाकों में भी चलन में आने लगा।

डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने में सरकार की अहम भूमिका

डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने में भारत सरकार की अहम भूमिका है। सरकार ने विभिन्न पहलों के माध्यम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया। 2015 में डिजिटल इंडिया पहल की शुरूआत का उद्देश्य भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज में बदलना था। इस पहल ने डिजिटल बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए एक बेस तैयार किया, जिससे मोबाइल पेमेंट के डेवलपमेंट में मदद मिली।

कई सरकारी योजनाओं ने दिया डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा

फाइनेंशियल इन्क्लूजन के मकसद से प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PMJDY) के परिणामस्वरूप लाखों नए बैंक खाते खुले, जिससे डिजिटल लेनदेन के लिए आधार मिला। इसके अलावा छोटे लेनदेन के लिए जीरो मर्चेंट डिस्काउंट और डिजिटल पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए सब्सिडी जैसी नीतियों ने व्यापारियों को मोबाइल पेमेंट सॉल्यूशन अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

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