FSSAI ने 22 अप्रैल को इन प्रोडक्ट्स के सैंपल की जांच अभियान चलाया है। एवरेस्ट की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स से 9 सैंपल की जांच की गई। वहीं, MDH की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स से 25 सैंपल की जांच की गई। वैज्ञानिकों के पैनल ने पूरे 34 सैंपल की जांच की हैं।
बिजनेस डेस्क. फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने एवरेस्ट और MDH में पेस्टिसाइड की मिलावट की बात को खारिज कर दिया है। इंस्टीट्यूट ने इन मसाला प्रोडक्ट्स की जांच में एथिलीन ऑक्साइड न मिलने की पुष्टि की है। इस केमिकल से कैंसर होने का खतरा रहता है। सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग और मालदीव में एवरेस्ट और MDH के मसालों की बिक्री पर बैन लगाया गया था।
FSSAI ने 34 सैंपल की जांच
FSSAI ने 22 अप्रैल को इन प्रोडक्ट्स के सैंपल की जांच अभियान चलाया है। जांच में महाराष्ट्र और गुजरात में एवरेस्ट की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स से 9 सैंपल की जांच की गई। वहीं, MDH की दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स से 25 सैंपल की जांच की गई। फिर वैज्ञानिकों के पैनल ने पूरे 34 सैंपल की जांच की हैं। इनमें 28 सैंपल में एथिलीन ऑक्साइड नहीं मिला। वहीं, 6 सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी हैं। इसके अलावा दूसरे ब्रांड्स के 300 से ज्यादा सैंपल इकट्ठे किए गए थे। इनमें भी पेस्टिसाइड के मिलावट के न होने की पुष्टि की हैं।
इन देशों में लगा था बिक्री पर बैन
सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग में अप्रैल में MDH और एवरेस्ट के कुछ मसालों में पेस्टिसाइड एथिलीन ऑक्साइड के मिलावट का दावा किया था। इसके बाद इन देशों में इन मसालों की बिक्री पर बैन लगाया था। इसके बाद मालदीव ने भी इन मसालों की बिक्री पर बैन लगाया था। हालांकि, भारत सरकार का कहना है कि किसी देश में इन मसालों पर बैन नहीं लगा हैं।
ये मसाले आए थे शक के घेरे में
हॉन्गकॉन्ग के फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के मुताबिक, MDH के कीन मसाला मिक्स- मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला पाउडर और करी पाउडर में एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा ज्यादा पाई गई। वहीं, एवरेस्ट के फिश करी मसाला में भी कार्सिनोजेनिक पेस्टिसाइड पाया गया है।
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