
बिजनेस डेस्क : भारत में G20 शिखर सम्मेलन का आगाज होने जा रहा है। 9-10 सितंबर को दिल्ली के प्रगति मैदान में बने भारत मंडपम में दुनिया के तमाम देशों को दिग्गज नेता जुटने जा रहे हैं। विदेशी नेताओं का आने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। इसलिए राष्ट्रीय राजधानी की सुरक्षा अब और भी कड़ी कर दी गई है। किसी तरह की स्थिति से निपटने के लिए जवान पूरी तरह तैयार हैं। कई विदेशी एजेंसियों की मदद से एक डिटेल आकस्मिक प्लान (Detail Contingency Plan) भी बनाया गया है। दिल्ली में कई सेफ हाउस (Safe House In Delhi) बनाए गए हैं। इनकी मदद से विदेशी मेहमानों को आपात सुरक्षा दी जाएगी। आइए जानते हैं क्या है सेफ हाउस और यह कितना सुरक्षित है?
सेफ हाउस कितना सुरक्षित
इन सभी सेफ हाउसेज में हेलीपैड के साथ कमांडो को स्टैंडबाय पर रहने का आदेश दे दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रडार, जैमर और कई हाइटेक जरूरी हथियार लुटियंस दिल्ली में बने सेफ हाउस में रख दिए गए हैं। सबसे हाईटेक हथियारों से लैस कमांडो इसकी रखवाली कर रहे हैं। किसी भी तरह के अटैक की स्थिति में वे VVIPs के लिए सबसे सुरक्षित रास्ता अपनाएंगे।
सेफ हाउस कैसे काम करता है
अगर कोई आपात स्थिति जैसे- अटैक हो जाता है तो विदेशी मेहमानों को कुछ ही मिनटों में सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। सुरक्षा में लगी टीम उन्हें होटलों और आयोजन स्थलों के पास बने सेफ हाउस ले जाएंगी। स्पेशल फोर्सेज की अलग-अलग टीम हवाई रास्ते से पहुंच जाएंगी। किसी भी आपात स्थिति से निपटने और सुरक्षित बाहर निकालने का काम तुरंत होगा। एंटी ड्रोन टीम और दूसरी एजेंसियां आपस में बातचीत कर प्लान तैयार कर लेंगी और विदेशी नेताओं को पूरी तरह सुरक्षित रखेंगी।
G20 की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसके हवाले
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) को दिल्ली की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है। एनएसजी के पास आतंकवाद विरोधी, तोड़फोड़ विरोधी, ड्रोन विरोधी कार्यों, घरेलू हस्तक्षेप, स्नाइपर्स और रासायनिक हमलों जैसी स्थिति से निपटने के लिए बेस्ट टीमें हैं। बम स्क्वॉड को भई तैनात कर दिया गया है। बता दें कि एनएसजी भआरत की सबसे ताकतवर फोर्स मानी जाती है। इसकी असग-अलग टीम अलग एजेंसियों के साथ काम करेंगी।
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